सरकार राजी…किसानों के मुद्दे पर संसद में होगी चर्चा, 18 मुख्य विपक्षी दल रखेंगे बात 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : सरकार किसानों के मुद्दे पर संसद के बजट सत्र में चर्चा के लिए राजी हो गई है और इसके साथ ही सरकार और विपक्ष के बीच जारी गतिरोध करीब-करीब समाप्त हो गया है। इसके लिए राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चल रही चर्चा में से अतिरिक्त समय को एडजस्ट किया जाएगा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पहले इस पर 10 घंटे चर्चा होनी थी, लेकिन अब बुधवार और गुरुवार के प्रश्नकाल-शून्यकाल को मिलाकर कुल 15 घंटे चर्चा होगी। किसानों के मुद्दे पर 18 विपक्षी दलों को बात रखने का भी मौका मिलेगा।

राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार को जैसे ही  शुरू हुई तो आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और एनडी गुप्ता ने किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। इस पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए जब सहमति बन चुकी है, तो सदन की कार्यवाही में खलल क्यों पैदा कर रहे हैं?  इसके बाद भी आप के तीनों सांसद नारेबाजी करते रहे, तो नायडू ने उन्हें दिनभर की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।

चर्चा के दौरान कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अंग्रेज हुकूमत ने 1906 में किसानों के खिलाफ तीन कानून बनाए थे और उनका मालिकाना हक ले लिया था। इसके विरोध में 1907 में सरदार भगत सिंह के भाई अजीत सिंह के नेतृत्व में पंजाब में आंदोलन हुआ और उसे लाला लाजपत राय का भी समर्थन मिला था।  उन्होंने कहा, “सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए और अच्छा यह होगा कि इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री करें।