कर्ज में डूबी एयर इंडिया को मिला मोदी सरकार का साथ

नई दिल्‍ली। समाचार एजेंसी – घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया को बेचने का सैद्धांतिक फैसला कर चुकी मोदी सरकार ने अब एयर इंडिया के को संकट से उबारने के लिए सरकार ने नए प्लान को मंजूरी दे दी है। इसके तहत एयर इंडिया के कुल 55,000 करोड़ रुपये के कर्ज में से 29,000 करोड़ रुपये के कर्ज को विशेष इकाई (एसपीवी) को स्थानांतरित किया जाएगा। इससे एयरलाइन के वार्षिक ब्याज में भारी गिरावट आएगी। उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

इससे पहले एयर इंडिया के ऑपरेशन को जारी रखने के लिए सरकारें लगातार कई हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी हैं। एयर इंडिया पर करीब 55,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। 2012 में यूपीए सरकार ने उसे 30,000 करोड़ रुपए का बेल आउट पैकेज दिया था।

एविएशन सेक्रेटरी आरएन चौबे ने संवाददाताओं से कहा, ‘कर्ज को एक SPV को ट्रांसफर किया जाएगा और फिर सरकार लोन चुकाएगी। हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कर्ज को SPV को ट्रांसफर किया जाए या SPV नए लोन लेकर राष्ट्रीय विमानन कंपनी का कर्ज चुकाएगी।’

सबसे पहले ET ने 5 नवंबर 2018 को यह जानकारी दी थी। प्लान के मुताबिक, सरकार एयर लाइन के करीब 29,000 करोड़ रुपये के वर्किंग कैपिटल कर्ज को एयर इंडिया असेट्स होल्डिंग (AIAHL) को ट्रांसफर कर रही है।

AIAHL की अगुआई एयर इंडिया के चेयरमैन करेंगे और SPV के छह सदस्यीय बोर्ड में एयर इंडिया के डायरेक्टर, फाइनैंस और उड्डयन मंत्रालय, व्यय विभाग, आर्थिक मामलों और विनिवेश के जॉइंट सेक्रेटरीज होंगे।

एयर इंडिया पर कुल 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। इस प्लान को लागू करने के बाद एयर इंडिया का कर्ज घटकर 26 हजार करोड़ रुपये रह जाएगा। ट्रांसफर के बाद एयरलाइन की वार्षिक ब्याज देनदारी 2,700 करोड़ रुपये घटकर 1,700 करोड़ रह जाएगी।

रिवाइवल प्लान के तहत सरकार ने एयर इंडिया से सालाना 2 हजार करोड़ रुपये मुनाफा कमाने को कहा है। इस बीच सरकार ने 980 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता भी दी है। कंपनी ने 1 हजार करोड़ रुपये नैशनल स्मॉल सेविंग्स फंड से भी जुटाए हैं।