पेट्रोल पर सरकार सिर्फ चिंतित, नहीं मिलेगी राहत

नई दिल्ली

पेट्रोल-डीजल के दामों में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोत्तरी के बाद भी मोदी सरकार कुछ करने को तैयार नहीं है। सरकार इस गंभीर विषय पर महज चिंता तक सीमित है। उम्मीद थी कि बुधवार को होने वाली बैठक में तेल के दाम कम से कम चार रुपए घटाने का फैसला लिया जा सकता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उल्टा गुरुवार को तेल कंपनियों ने दाम फिर से बढ़ा दिए। आपको बता दें कि पिछले 11 दिनों से कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। बैठक के बाद केंद्रीय रविशंकर प्रसाद ने महज इतना कहा कि सरकार बढ़ती कीमतों पर चिंतित है और कोई दीर्घकालिक उपाय खोजना चाहती है। यानी एक तरह से उन्होंने साफ़ कर दिया कि फ़िलहाल सरकार का राहत देने का कोई मूड नहीं है। वहीं, गुरुवार इजाफे के बाद मुंबई में पेट्रोल की कीमत 85 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गई है। यहां पेट्रोल 85.29 रुपए हो और डीजल 72.96 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।

वहीं दिल्ली में भी तेल की कीमतें हर दिन महंगाई का एक नया रिकॉर्ड कायम कर रही है। दिल्ली में गुरुवार को पेट्रोल 77.47 रुपए प्रति लीटर और डीजल 68.53 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। बता दें कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर तेल के डेली प्राइज रिविजन को 19 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था। मतदान के बाद 14 मई से प्राइज रिविजन दोबारा शुरू हुआ और तब से पेट्रोल-डीजल की कीमत हर दिन बढ़ रही है।