गर्भपात की गोलियों की आॅनलाइन बिक्री पर सख्त हुई सरकार

नागपुर। पुणे समाचार ऑनलाइन

दवाओं खासकर गर्भपात की दवाओं की ऑनलाइन खरीदफरोख्त पर सख्त भूमिका अपनाते हुए राज्य के खाद्य व दवा प्रशासन मंत्री गिरीश बापट ने ऑनलाइन दवा बिक्री करनेवालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। नागपुर में विधिमंडल के मानसून सत्र में गर्भपात की गोलियों की ऑनलाइन बिक्री पर तारांकित प्रश्न उठाया गया था। इस पर जवाब देते हुए बापट ने कहा, महाराष्ट्र में ऑनलाइन दवा बिक्री पर पाबंदी है, अब तक तकरीबन ऐसे 40 बिक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

विधानसभा में उठाये गए सवाल की पृष्ठभूमि पर खाद्य व दवा मंत्री गिरीश बापट ने संवाददाताओं से की गई बातचीत में कहा कि, ऑनलाइन दवा बिक्री करनेवालों के खिलाफ सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। महाराष्ट्र ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट असोसिएशन ने गर्भपात की गोलियों की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ शिकायत की है। डॉक्टरों के प्रिस्क्रिप्शन के बिना इन दवाओं की बिक्री पर रोक है, इस ओर भी बापट ने ध्यानाकर्षित किया। बीते तीन सालों में दवाओं की आॅनलाइन बिक्री करने को लेकर सात बिक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

अवैध रूप से दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि, ऑनलाइन दवा बिक्री करने मामले में अब तक 14 डिस्ट्रीब्यूटरों के लाइसेंस खारिज किया गया है वहीं सात डिस्ट्रीब्यूटरों के लाइसेंस सस्पेंड किये गए हैं। दूसरे राज्यों से की जानेवाली ऑनलाइन बिक्री को लेकर दस डिस्ट्रीब्यूटरों की जानकारी उन राज्यों की सरकारों को दी गई है। दवा और सौंदर्यप्रसाधन बिक्री कानून में ऑनलाइन बिक्री का प्रावधान नहीं है, उसके लिए प्रस्थापित कानून में बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की है। राज्य सरकार ने इन बारे में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी है। जल्द ही इस पर जल्द फैसले की उम्मीद है।

पुणे जिले में प्रशिक्षित कर्मचारी नियुक्त न करने को लेकर 96 मेडिकल दुकानों पर कार्रवाई की गई। जिले के ग्रामीण इलाकों में दवा बिक्री करनेवाले 665 लाइसेंसधारियों की जांच की गई। इसमें 96 बिक्रेताओं ने कानून का उल्लंघन किया था, उनमें से 79 दुकानदारों को नोटिस जारी की गई। उनमें से कुछ दुकानदारों के लाइसेंस सस्पेंड किये गए हैं। यह जानकारी देकर दवा व खाद्य मंत्री गिरीश बापट ने मिलावटखोरी पर सरकार का पक्ष रखते हुए बताया कि, दूध व खाद्य में मिलावट करना दखलपात्र और गैरजमानती अपराध साबित हो इसका प्रस्ताव तैयार है। मिलावटखोरों को ज्यादा से ज्यादा सजा मिले इसके लिए सरकार की कोशिश जारी है।