सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेगी : जेटली

नई दिल्ली, 8 जनवरी (आईएएनएस)- केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) निदेशक आलोक वर्मा को फिर से बहाल किए जाने का फैसला केंद्र के लिए झटका नहीं है और सरकार आदेश का पालन करेगी।

जेटली ने कहा कि इस मामले पर फिर से विचार करने के लिए सप्ताह भर में विशेष समिति की बैठक बुलाई जाएगी।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अदालत ने जाहिर तौर पर सीबीआई के निष्पक्ष रूप से कामकाज व व्यापक हित में सीबीआई निदेशक को दी गई प्रतिरक्षा को मजबूत किया है। इसी के साथ अदालत ने जवाबदेही की योजना तय की है।

जेटली ने कहा, “इसलिए अदालत के निर्देशों के अनुसार..स्पष्ट तौर पर उसका अनुपालन किया जाएगा और सरकार उसी तरह कार्य करेगी।”

जाने-माने वकील जेटली ने कहा कि सरकार ने सीवीसी की अनुशंसा पर जांच एजेंसी की विश्वसनीयता व व्यापक हित में निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेजने का निर्णय लिया था।

मंत्री ने कहा कि कार्रवाई ‘पूरी तरह से प्रामाणिक’ रूप से की गई थी, क्योंकि दोनों अधिकारियों की तरफ से आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए थे।

जेटली ने कहा, “सीवीसी की अनुशंसा पर सरकार ने व्यापक हित व निष्पक्ष जांच के लिए व सीबीआई की विश्वसनीयता को ध्यान में रखते हुए दो वरिष्ठ अधिकारियों को छुट्टी पर भेजने का फैसला किया था।”

मंत्री ने कहा कि दिल्ली पुलिस स्पेशल एस्टिब्लिसमेंट एक्ट सीबीआई के कामकाज से संबंधित है। इसमें सीबीआई से जुड़े दो अलग प्रावधान हैं।

उन्होंने कहा, “इसके एक प्रावधान में स्पष्ट है कि सीबीआई निदेशक की नियुक्ति, हटाने व तबादले को सिर्फ एक विशेष समिति द्वारा किया जा सकता है, जिस समिति में प्रधानमंत्री, देश के प्रधान न्यायाधीश व विपक्ष के नेता शामिल होंगे। दूसरे प्रावधान में भ्रष्टाचार के मामले में सीवीसी को सीबीआई पर जांच का अधिकार है।”

जेटली ने कहा, “सीवीसी ने जांच के अधिकार के तहत अनुशंसा का इस्तेमाल किया है।”