गुरुग्राम में पुलिस की क्रूरता, कपड़े उतरवाकर, महिला के प्राइवेट पार्टस पर किए कई वार, पीड़िता की हालत नाजुक  

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन- पुलिस कितनी निर्दयी हो सकती है, इसका ताजा उदाहरण हरियाणा के गुरुग्राम से सामने आया है. यहां पर एक छोटे से चोरी के इल्जाम में एक महिला को खौफनाक सजा दी गई है, जबकि महिला पर आरोप भी सिद्ध नहीं हो पाया था. उसके नाजुक पार्ट्स पर इतनी चोंटे पहुंचाई गई की वह चलने लायक नहीं रहीं. इस मामले के सामने आने के बाद लोग इसे पुलिस की बर्बरता बता रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बुधवार को पूर्वोत्तर समुदाय के लोग इस क्रूरता के खिलाफ सडकों पर उतर आए.

क्या है मामला
बता दें कि 30 वर्षीय पीड़ित महिला मूलरूप से असम निवासी है. वह गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-1 एच ब्लॉक स्थित कोठी नंबर-9/7 में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी, लेकिन वहां पर 31जुलाई को चोरी की वारदात हो गई. इसके बाद शक के आधार पर मंगलवार को पीड़िता को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले जाया गया. पीड़िता के साथ 2 और लोग भी शक के घेरे में, जिन्हें भी थाने ले जाया गया. यहाँ पर लगातार 9 घंटे तक उसे बुरी तरह से मारा-पिटा गया, जिसके बाद उसकी हालत बेहद गंभीर हो गई है.

पीड़िता ने बताया कि, “पुलिस उसे थाने में बने एक कमरे में ले गए और कपड़े उतारने को कहा. उसके बाद उन्होंने मेरे नाजुक अंगों वार किया, जिसके बाद मेरे नाजुक हिस्सों की चमड़ी छिल गई है.”

पुलिस आयुक्त ने किया महिला पुलिस को सस्पेंड
पूर्वोत्तर समुदाय के विरोध के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकिल हरकत में आए और डीएलएफ फेज-1 थाना एचएसओ और महिला सिपाही को उपस्थित होने के आदेश दिए. मामले को समझने के बाद उन्होंने तुरंत एक महिला एएसआई और एक हवलदार को सस्पेंड कर दिया. साथ ही घटना की विभागीय जांच करने का भरोसा जताया है.