अवैध संबंधों की आग में जली युवती, भूसे के ढेर से सुई खोज लाई पुलिस 

 

पुणे समाचार
बीते दिनों विमाननगर में मिली एक महिला की अधजली लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। महिला को उसके ही प्रेमी ने अपने साथियों के साथ मिलकर मौत के घाट उतरा था। पुलिस के लिए यह केस भूसे के ढेर में सुई खोजने जैसा था, लेकिन उसने बहुत थोड़े से समय में अपनी सूझबूझ से इसे हल कर दिखाया। पुलिस सोशल मीडिया की मदद से पहले मृतका की पहचान और फिर उसके कातिलों तक पहुंची।
अवैध संबंधों से उपजी इस नफरत की भेंट चढ़ी महिला का नाम है अयोध्यासुदाम (25)। अयोध्या को हेयर कटिंग सैलून चलाने वाले बालाजी उर्फ गुरुजी वैजनाथ धाकतोडे (27) से प्यार हो गया था। दोनों के बीच जिस्मानी संबंध थे। यह जानते हुए भी कि बालाजी शादीशुदा है अयोध्या ने उसके साथ रिश्ता कायम रखा और उस पर शादी के लिए दबाव डालती रही। इस बात को लेकर वो जब तब बालाजी के घर जाकर तमाशा किया करती थी। रोज़-रोज़ होने वाले इस विवाद से बालाजी इस कदर आजिज गया था कि उसने अयोध्या की हत्या की योजना बने। बालाजी की इस योजना में उसके दोस्त अनिकेत सुनील खंडागले ने साथ किया। तय योजना के तहत बालाजी ने अयोध्या को किसी बहाने से बुलाया और फिर तीनों एक ही बाइक पर लोहगांव पहुंचे, यहाँ एक सुनसान जगह पर रात करीब 9.30 बजे बालाजी ने अयोध्या पर चाकू से वारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद दोनों आरोपी लाश को वहीं छुपाकर शराब पीने चले गए। वापस आने पर उन्होंने अयोध्या की लाश को जला दिया। बालाजी को विश्वास था कि अयोध्या की पहचान नहीं हो पायेगी, लेकिन यह उसकी बदकिस्मती रही और पुलिस खुशकिस्मती की अयोध्या का शव पूरी तरह नहीं जल पाया।

11 मई को विमान नगर से पुलिस को अयोध्या की करीब 80 फीसदी जली लाश मिली।  लाश का चेहरा बुरी तरह जल गया था, लिहाजा उसकी पहचान मुश्किल थी। पुलिस उपायुक्त पंकज डहाणे ने बताया कि महिला के एक हाथ पर टैटू गुदा हुआ था। इसी के आधार पर हमने उसकी तलाश शुरू की और आख़िरकार हमें कामयाबी मिल गई।

फेसबुक की मदद से पकड़ा गया
पुलिस ने फेसबुक के जरिए अयोध्या की लाश की शिनाख्त की। अयोध्या के हाथ में टैटू बना हुआ था, जिस पर उसका नाम लिखा था। पुलिस ने फेसबुक पर अयोध्या नाम की लड़की का प्रोफाइल खोजना शुरू किया। फेसबुक पर इस नाम से 100 से ज्यादा प्रोफाइल थे, पुलिस ने हर प्रोफाइल अच्छी तरह से खंगाला और आख़िरकार उसे सफलता मिल गई। अयोध्या के अकाउंट में दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस को उसका फ़ोन नंबर मिला और फिर कॉल डिटेल्स ले सहारे वो आरोपी तक जा पहुंची।

हत्या के बाद डरा हुआ था
अयोध्या की हत्या करने के बाद बालाजी काफी डरा हुआ था। 10 मई को बालाजी सैलून से वापस घर नहीं गया। उसने अपनी पत्नी को फ़ोन करके बताया कि उससे एक ब

 

हुत बड़ी गलती हो गई है, इसलिए वो जल्दी से गाँव चली जाए। बालाजी अपने रिश्तेदार से मिलने हडपसर गया था, इसी दौरानपुलिस ने जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार कर लिया, जबकि उसका दोस्त अभी फरार है।

 

इन्होंने सुलझाई गुत्थी
इस कारवाई को अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) प्रदीप देशपांडे, पुलिस उपायुक्त पंकज डहाणे, सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम 2) भानुप्रताप बर्गे के मार्गदर्शन में यूनिट 5 के प्रभारी अधिकारी दत्ता चव्हाण, सहायक पुलिस निरीक्षक युवराज नांद्रे, सहायक पुलिस फौजदार लक्ष्मण शिंदे, पुलिस कर्मचारी संतोष मोहिते, प्रदीप सुर्वे, प्रवीण शिंदे, राजेश रणसिंह, माणिक पवार, केरबा गलांडे, सिध्दराम कोली, महेश वाघमारे, गणेश बाजारे, प्रवीण कालभोर, अमजद पठाण, अंकुश जोगदंडे, प्रमोद घाडगे, महिला कर्मचारी सुनंदा भालेराव, स्नेहल जाधव ने अंजाम दिया है।