खुद भी तेल के दाम बढ़ाते रहे, अब कमी का गणित समझा रहे हैं

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम का कहना है कि केंद्र सरकार यदि चाहे तो तेल के दाम 25 रुपए तक कम हो सकते हैं, लेकिन वो ऐसा करेगी नहीं। क्योंकि इससे उसका मुनाफा मारा जाएगा। उनका कहना है कि मोदी सरकार कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से प्रति लीटर पेट्रोल पर 15 रुपए बचा रही है और इसके अलावा वह प्रति लीटर पेट्रोल पर 10 रुपए का अतिरिक्त कर भी लगा रही है। यानी सरकार दोनों हाथों से बटोर रही है। सीधे शब्दों में कहें तो चिदंबरम मोदी सरकार को टैक्स में कटौती की सलाह दे रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि जब कांग्रेस नीत यूपीए केंद की सत्ता में था, उस वक़्त तेल के बढ़ते दामों पर चिदंबरम ने कोई ऐसी सलाह नहीं दी थी। उल्टा उस ज़माने में चिदंबरम सहित सरकार के मंत्री मूल्य वृद्धि को वाजिब क़रार दिया करते थे।

कांग्रेस पहल करे
कांग्रेस के शासनकाल में भी पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों ने लोगों का जीना दुश्वार कर रखा था। ये बात सही है कि आज के मुकाबले दाम कम थे, लेकिन पीएम मोदी की तरह मनमोहन सिंह ने भी तेल कंपनियों को जनता की जेब पर डाका डालने की इज़ाज़त दे रखी थी। तेल के दाम और महंगाई के चलते ही कांग्रेस को केंद्र की कुर्सी गंवानी पड़ी थी और आज उसी के नेता सरकार को टैक्स कम करने का गणित समझा रहे हैं। कांग्रेस यदि वास्तव में जनता को राहत पहुँचाना चाहती है, तो चिदंबरम के गणित को अपनी सरकार वाले राज्यों में लागू कर सकती है। मसलन वो टैक्स कम कर सकती है। तेल की बढ़ती कीमतों के लिए जितना केंद्र सरकार दोषी है, उतना ही राज्य सरकारें भी।