सभागृह नेता ने मांगा नगरसेवक ओव्हाल से इस्तीफा

पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सही समय पर कार्रवाई के दिये संकेत

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

भाजपा के शासनकाल में दलित समुदाय असुरक्षित रहने का आरोप लगाकर अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए खुद को भाजपा से दरकिनार करने की घोषणा नगरसेवक बालासाहेब ओव्हाल ने की है। इस पर पिंपरी चिंचवड़ मनपा में सत्तादल के नेता एकनाथ पवार ने ओव्हाल को भाजपा के चुनाव चिन्ह पर नगरसेवक चुने जाने की याद दिलाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की है। हालांकि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई सही समय पर की जाएगी, यह भी उन्होंने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया।

आज एक संवाददाता सम्मेलन में नगरसेवक ओव्हाल ने सत्ताधारी भाजपा की नीतियों पर निशाना साधते हुए खुद को पार्टी से दरकिनार करने की घोषणा की। हांलाकि उन्होंने नगरसेवक पद से इस्तीफा नहीं दिया, मगर जरूरत पड़ी तो उसके लिए तैयार रहने की बात भी कही। उनका यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी महत्वाकांक्षा उजागर करता है। उसी लिहाज से यह पब्लिसिटी के लिए किया गया एक प्रयास है और इस्तीफा न देकर पार्टी से दूर होने का फैसला अपना नगरसेवक पद बचाने की कोशिश भर है, ऐसा सभागृह नेता पवार ने बताया।

अगर ओव्हाल को भाजपा की विचारधारा नहीं जंचती है तो उसके चुनाव चिन्ह पर मनपा चुनाव क्यों लड़ा? और अगर इतना ही उन्हें खल रहा हो तो वे भाजपा की बदौलत पाए नगरसेवक पद से इस्तीफा क्यों नहीं दे देते? यह सवाल उठाते हुए पवार ने आरपीआई के भाजपा के साथ जुड़े रहने की ओर इशारा करते हुए उनकी पार्टी की नीतियां दलित विरोधी रहने सम्बन्धी ओव्हाल के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का फैसला उचित समय पर लिया जाएगा, यह भी उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा। बहरहाल कार्रवाई के मामले सब्र करने की उनकी यह भूमिका शायद इसलिए है कि, अगर पार्टी ओव्हाल के खिलाफ कार्रवाई करती है तो उनका नगरसेवक पद अबाधित रह जायेगा।