कर्ज में डूबकर पति ने की थी आत्महत्या, मुख्यमंत्री की दी हुई नौकरी भी नहीं रही, अब मांग रही है ‘इच्छा मृत्यु’

मालेगांव, समाचार ऑनलाइन- एक विधवा ने प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है, क्योंकि पति ने कर्ज में दबे होने के कारण आत्महत्या कर ली थी, इसके बाद जो सरकारी नौकरी मिली थी वो भी नहीं रहीं. आज उसको अपने बच्चों को जिन्दा रखने के लिए कमाई का कोई साधन नहीं है. इन सब परेशानियों से घिरने के बाद उक्त बेबस महिला ने प्रशासन से मौत मांगी है. अब इस खबर ने सबकों हैरत में डाल दिया है.

सरकार ने पहले नौकरी दी, फिर छीन ली

बता दें कि 10 सितंबर, 2015 में महिला के किसान पति दत्ता लांडगे ने कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली थी. वह वाशिम जिले के जऊलका का रहने वाला था. मौत से पहले लांडगे ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर किसानों के दर्द और हालात को बयाँ किया था. इसके बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर मृतक किसान की विधवा पत्नी सोनाली लांडगे को जिला कलेक्टर(वाशिम) द्वारा मानधन के रूप में 7 हजार महीने की नौकरी दी गई थी. यह नौकरी 20 सितंबर, 2015 को दी गई थी. लेकिन 11 जून, 2018 को सोनाली को अचानक नौकरी से निकाल दिया गया.

अपनी नौकरी पाने के लिए उसने नेताओं के चक्कर लगाए, लेकिन कुछ नहीं हुआ. अब सोनाली के पास अपने बच्चों को पालने के लिए जीविका का कोई साधन नहीं है.

सरकार और नेताओं से की इच्छा मृत्यु की मांग, मोदी को भी भेजी ‘कॉपी’

पीड़ित विधवा द्वारा जिलाधिकारी, पालकमंत्री, राज्यमंत्री डॉ. रणजित पाटील, विधायक अमित झनक को आवेदन देकर सेवा बहाल करने की अपील की है. लेकिन अभी तक उसे नौकरी पर नहीं रखा गया है, जिससे तंग आकर विधवा ने इच्छा मृत्यु की मांग की है.

विधवा द्वारा अपनी इच्छा मृत्यु निवेदन की कॉपी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल, विधानसभा विरोधी पक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, विधानपरिषद के विरोधी पक्ष के नेता धनंजय मुंडे व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भी भेजी गई है.