पत्नी को 10 हजार रुपए का गुजारा भत्ता देें पति : फैमली कोर्ट

पुणे : समाचार ऑनलाईन – पुणे में नौकरी करने वाली पत्नी को गुजारा भत्ता मिल सकता है. पति-पत्नी के वेतन में अंतर और आश्रित का विचार करते हुए गुजारा भत्ता की मांग मंजूर कर ली गई. हाल ही में फैमली कोर्ट के जज एस.आर. काफरे ने गुजारा भत्ता के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. कोर्ट ने महिला को पति द्वारा हर महीने 10 हजार रुपए का गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार माधव और माधवी (नाम बदले गए हैं) पत्नी है. माधवी पुणे की रहने वाली है जबकि माधव मुंबई का रहने वाला है. फिलहाल वह विदेश में नौकरी करता है. दोनों के विवाद हुआ था. उसके बाद कुछ समय तक माधवी मुंबई में अपने ससुराल में रही. वीजा मिलने के बाद वह विदेश पति के पास गई. वहां उसके पति का किसी दूसरी महिला के साथ संबंध होने की जानकारी उस तक पहुंची. इसलिए वह दो महीने में ही भारत लौट आई. इसके बाद उसने तलाक के लिए एड्. पुष्कर एन. पाटिल के जरिये तलाक की अर्जी दी.

महिला की एड्. पाटिल के जरिये आवेदन में तर्क रखा था कि उसकी क्लाइंट आर्थिक रूप से कमजोर है. दैनिक जरूरतों को पूरी करने जितना उनका  पगार है. जबकि उसके पति की कमाई लाखों में है. इसलिए दोनों की कमाई के अंतर और दैनिक जरूरतों पर विचार करते हुए गुजारा भत्ता मंजूर करने की मांग की थी. इसके लिए एड्. पाटिल ने भारत हेगडे व सरोद हेगडे के मामले में कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया. महिला के वकील ने तर्क दिया कि गुजारा भत्ता देने के लिए 10 महत्वपूर्ण बातों पर विचार करना चाहिए. इन तर्कों के बाद कोर्ट ने यह आदेश दिया है. इस मामले में एड्. पुष्पकर पाटिल को एड्. करिश्मा पाटिल, एड्. रेश्मा सोनार, मधु सिंह, शुभांगी जेटीयार व अनुज मंत्री ने मदद की.