“मेरा कोई ‘भरोसा’ नहीं”, एकनाथ खडसे के भाषण की ‘ये’ 21 महत्वपूर्ण बातें, जानें  

बीड: समाचार ऑनलाइन– पंकजा मुंडे की अपील के बाद राज्य भर के कार्यकर्ता और समर्थक आज गोपीनाथ गढ़ में इकट्ठा हुए थे. इस अवसर पर भाजपा नेता और प्रदेशाध्यक्ष चन्द्रकांत पाटिल, प्रकाश मेहता और एकनाथ खड़से मुख्य रूप से उपस्थित थे. गोपीनाथ गढ़ में भारी तादात में एकत्रित हुए कार्यकर्ताओं से बात करते हुए, एकनाथ खडसे ने फडणवीस पर निशाना साधा. इस समय, उन्होंने कहा कि “मैं अभी पार्टी छोडूंगा या नहीं यह मैं कह नहीं सकता.” हालाँकि उन्होंने इस बात को सिरे से इंकार भी नहीं किया है. इसलिए माना जा रहा है कि उन्होंने इशारों-इशारों में पार्टी छोड़ने के संकेत दे दिए हैं. इस अवसर पर बोलते हुए, एकनाथ खडसे ने पार्टी के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कई मुद्दों पर टिप्पणी की है. जो इस प्रकार है…

– पंकजा मुंडे का हमेशा साथ देंगे.

– जानकरों का कहना है कि भाजपा में कोई है, जो धोखा दे रहा है.

– गोपीनाथ मुंडे ने महाराष्ट्र में भाजपा को उभारने का काम किया है.

– मुंडे साहब ने कभी भी पीठ खंजर घोंपने का काम नहीं किया. उन्होंने जो बोला वो सामने और जो लड़ा सामने लड़ा .

– मुंडे साहब कहते थे, हम भी डूबेंगे सनम और तुम्हें भी लें डूबेंगे.  लेकिन उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया.

– खडसे से कार्यकर्ताओं ने पूछा कि पार्टी छोड़ना चाहिए.

–  खडसे का कहना था, जहाँ गोपीनाथ वहां एकनाथ.

–  पंकजा ने कहा था कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं,  इसलिए राजनीति पर ज्यादा बात न करें. साथ ही 10 मिनट से अधिक न बोलें. नाहीं पार्टी के खिलाफ बोलें.

– आज पार्टी जो कर रही है, वह महाराष्ट्र को स्वीकार्य नहीं है.

– पंकजा किसी कारणवश बात नहीं कर पा रही है, लेकिन उसके मन में दर्द है.

– मुझे यह जानकर दुख हुआ था कि गोपीनाथ मुंडे की बेटी हार गई. ऐसा अपने आप नहीं हुआ है. ऐसा किया गया है. आप यह स्वीकारतें हैं या नहीं? लेकिन मैं यह स्वीकारता हूं.

– मुंडे साहब ने अपना जीवन लगा दिया इसलिए आज आप मंत्री और नेता बन गए.

– पंकजा ताई और मुझे क्या करना चाहिए, आप बताएं.  हमें कितने दिनों तक यह सहना पड़ेगा.

– मुझे नहीं पता कि मैं पार्टी छोड़ूंगा या नहीं, पंकजा ताई का मैं नहीं कह सकता.

– अत्यधिक खुलासों के बाद ही पार्टी का अनुशासन भंग होगा.

– टिकट कट गया, बताइए कि नाथाभाऊ का क्या अपराध था? आपको यकीन है लेकिन उनको नहीं.

– उन्हें लगा कि नाथाभाऊ अब बाहर चले जाएंगे,  कितना अपमान सहेंगे.

– पंकजताई अकेली नहीं हैं, हम उनके साथ हैं.

– पंकजाताई एक बाघ की बेटी है, हालांकि बाघ नहीं है,  लेकिन बाघिन अब भी है.

– अब इसके आगे कुछ नहीं बोलना चाहता, रहने दो,  मेरे पास बहुत कुछ है, बस यहां बात करने का समय नहीं है.

– मेरे जीवन में जो हुआ, ऐसा समय पंकजा के सामने नहीं आना चाहिए.

visit : punesamachar.com