बैंक दिवालिया हुआ तो आपको मिलेंगे ‘इतने’ पैसे, RTI का खुलासा   

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- कुछ महीनों पूर्व हुए पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (P MC) बैंक घोटाले के बाद पूरे देश में कोऑपरेटिव  बैंक की विश्वसनीयता को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए थे. पैसे डूबने के तनाव के चलते कुछ बैंक ग्राहकों की मौत तक हो चुकी है. इसलिए कभी ऐसी स्थिति से आपको भी निपटना पड़ जाए तो यह जानना जरूरी है कि आप ऐसे में क्या कदम उठा सकते हैं या बैंक आपको आपका पैसा लौटाएगा या नहीं ? आदि …

इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए न्यूज एजेंसी पीटीआई द्वारा एक RTI दायर की गई थी, जिसके जवाब में सब्सिडियरी डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) ने बताया कि यह बचत, फिक्स्ड डिपॉजिट, करंट और रेकरिंग डिपॉजिट खातों को कवर करता है.

अगर कोई बैंक दूब जाता है या दिवालिया हो जाता है तो ऐसे में बैंक द्वारा खाताधारक को 1 लाख रुपए लौटाने का प्रावधान है, जो कि ग्राहक की बीमा राशी होती है.

लाख रुपये की रकम सुरक्षित- 

किसी बैंक के डूबने या दिवालिया होने पर DICGC एक्ट, 1961 की धारा 16 (1) के प्रावधानों के तहत DICGC प्रत्येक जमाकर्ता को भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होता है. ग्राहक की जमा राशि पर 1 लाख रुपये तक का बीमा होता है. अगर आपका एक ही बैंक की अन्य कई शाखाओं में भी अकाउंट है तो सभी खातों में जमा अमाउंट पैसे और ब्‍याज जोड़ा जाएगा और केवल 1 लाख तक जमा को ही सुरक्षित माना जाएगा.

इसके अलावा, यदि ग्राहक के किसी एक बैंक में एक से अधिक अकाउंट और FD हैं तो भी बैंक के डिफॉल्ट होने या डूब जाने के बाद आपको सिर्फ 1 लाख रुपये ही दिए जाएंगे.

बीमा रकम बढ़ाने संबंधी कोई जानकारी नहीं- 

जब RTI में यह सवाल पूछा गया कि क्या हाल ही में पीएमसी बैंक की धोखाधड़ी के बाद बैंक में इंश्योर्ड 1 लाख रुपये की सीमा बढ़ाने संबंधी कोई प्रस्ताव विचाराधीन है, तो इस पर  डीआईसीजीसी ने किसी तरह की जानकारी न होने का जवाब दिया है. कुछ दिनों पहले चर्चा थी कि P MC  बैंक घोटाले को गंभीरता से देखते हुए सरकार बैंक इन्श्योरेसं कवर बढ़ाने संबंधी निर्णय ले सकती है. इसके लिए बैंक डिपॉजिट गांरटी बिल को स्वीकृत कर सकती है.

बता दें कि 24 सितंबर को RBI ने महाराष्ट्र के पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव  बैंक की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ था. इसके बाद RBI द्वारा PMC बैंक द्वारा प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद ग्राहकों को बैंक से पैसे निकालने पर रोक लगा दी गई थी और उनको छह महीने में सिर्फ 10 हजार रुपये निकालने की स्वीकृति दी गई थी.

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