टिकैत की चेतावनी-मांगें नहीं मानीं, तो गणतंत्र दिवस  परेड में किसान भी निकालेंगे रैली 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम  
नए कृषि कानूनों को रद्द कराने की लड़ाई लड़ रहे किसान  झुकने को तैयार नहीं हैं। सरकार के साथ बातचीत जारी है, लेकिन अभी अंतिम हल नहीं निकल पाया है। इस बीच, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो किसान दिल्ली में आयोजित गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लेंगे। नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंगलवार को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था। सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई उनकी लंबी बैठक बेनतीजा रही थी। अब दूसरी बैठक आज होने वाली है।

बता दें कि 23 सितम्बर को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ देश में तीन नए कृषि कानून लागू हो गए। इनमें कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून, 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020 और मूल्य आश्वासन पर किसान (संरक्षण एवं सशक्तिकरण) समझौता और कृषि सेवा कानून शामिल हैं। इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर एक सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली जाम से कराह रही है। हालात को देखते हुए एक तरफ ट्रैफिक पुलिस ने डासना फ्लाईओवर को बैरिकेडिंग कर मेरठ एक्सप्रेस वे पर भारी वाहनों को पूरी तरह बंद कर दिया है।
किसानों का कहना है कि जब तक सरकार काले कानून वापस नहीं करेगी, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं। सरकार को मुंह तोड़ जवाब देंगे, इसलिए हमारे सब बच्चे, पूरा परिवार दिल्ली के लिए निकला है, अब हम पीछे नहीं हटेंगे और बॉर्डर तोड़ कर दिल्ली पहुंचेंगे।  इस किसान आंदोलन में सिर्फ पंजाब और हरियाणा के ही किसान नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र से भी कई किसान संगठन शामिल हुए हैं।