अब स्थिति नहीं संभली तो देश हो जाएगा दिवालिया

शिवाजीनगर, 6 नवंबर- नोटबंदी में जनता के बचत के पैसे निकाल लिए गए. रिजर्व बैंक से पैसे लिए गए हैं. इसके बावजूद देश में मंदी क्यों है? युवावर्ग बेरोजगारी का दंश झेल रहे है, प्रधानमंत्री युवकों के रोजगार पर बोलने के बजाये पाकिस्तान पर बोलकर ध्यान भटका रहे हैं. इसका परिणाम आने वाले कुछ समय में देश को भोगना पड़ेगा. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस के अध्ययन गुट के अध्यक्ष सांसद राजीव गौडा और सांसद अमी याग्निक ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लगाया.

कांग्रेस भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फे्रंस में कांग्रेस के शहराध्यक्ष रमेश बागवे व अन्य पदाधिकारी इस मौके पर उपस्थित थे. अमी याग्निक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन वर्ष पहले लिए गए नोटबंदी के निर्णय की मार अब पड़ रही है. नोटबंदी में जनता के बचत के पैसे बाहर निकाले गए. कैशलेस के नाम पर सही अर्थों में जनता को कैशलेस बनाया गया. इसके बाद रिजर्व बैंक से 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए लिए गए हैं. इतनी बड़ी मात्रा में पैसे बाजार में आया है उसके बावजूद कारोबार में मंदी बढ़ती जा रही है. गलत तरीके से जीएसटी लागू किए जाने से व्यापार, उद्योगों की कमर टूट गई. महंगाई आसमान छू रही है. मांग के अभाव में उद्योग बंद पड़ने लगे हैं. बैंकों का हजारों करोड़ रुपए डूबाकर कुछ लोगों ने पोबारा किया. उन्हें पकड़ने और सम्पत्ति वापस लाने की कोई योजना सरकार के पास नहीं है. इसकी वजह से एक के बाद एक बैंक दिवालिया होने लगे हैं. जनता का बैंकों पर से विश्वास उठ गया है. सरकार की गलत पॉलिसी इसके लिए जिम्मेदार है.

सरकार ने बेरोजगारी, जीडीपी को लेकर कोई भी आंकड़े नहीं दे रही है. सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगी जाती थी लेकिन इस कानून में बदलाव कर लोगों को जानकारियां उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. हमारी सत्ता के समय हर एक शिक्षा मिल सके इसके लिए राइट टू एजूकेशन का कानून लाया गया था. प्रत्यक्ष रूप से भाजपा ने महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे कई राज्यों के हजारों सरकारी स्कूलों को बंद कर दिया है. डिजिटल इंडिया के नाम पर केवल व्हाट्सअप इंडिया चल रहा है. वस्तुस्थति यह है कि प्रत्यक्ष रूप से शिक्षा के लिए डिजिटल इंडिया के लिए कुछ नहीं किया गया. देश के युवकों के हाथ में काम नहीं हैं और प्रधानमंत्री पाकिस्तान जैसे नेस्तानाबूत हो चुके देश पर घूम-घूम कर बोल रहे हैं. उनके पास रोजगार, किसानों के लिए कोई प्लान नहीं है. केवल भावनात्मक मुद्दों की तरफ जनता का ध्यान आर्कषित करने के लिए  एकतरफा कार्यक्रम चल रहा है. सरकार के इस रवैये के कारण चल रही मंदी और तेज होती जाएगी. आर्थिक दृष्टि से पिछले पांच वर्षों में 5 से 7 नंबर पर आया अपना देश और नीचे चला जाएगा.