‘सुप्रीम कोर्ट संविधान के हिसाब से फैसला करेगा, तो हम मानेंगे’

नई दिल्ली, 10 फरवरी (आईएएनएस)| : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के शाहीनबाग इलाके से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ करीब दो महीने से धरना दे रहे प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर टिप्पणी की, जिसपर प्रदर्शन कर रही एक महिला का कहना है कि शीर्ष अदालत अगर किसी पार्टी के दबाव में आकर फैसला करता है, तब प्रदर्शनकारी अगली रणनीति पर विचार करेंगे और अगर संविधान के हिसाब से फैसला होगा, तो उसे वे मानेंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शाहीनबाग के मुद्दे पर कहा कि विरोध से दूसरों को परेशानी हो, ऐसा अनिश्चितकाल के लिए नहीं होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि इतने लंबे समय तक आप सड़क कैसे बंद कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद शाहीनबाग में विरोध-प्रदर्शन कर रहीं हिना अहमद ने कहा, “किसी पार्टी के दबाव में आकर अगर सुप्रीम कोर्ट फैसला करता है, तो उस पर हम आपस में विचार करेंगे और अगर संविधान के हिसाब से फैसला होगा, तो उसे हम मानेंगे। हम दूसरी जगह क्यों चुनें, आप सरकार से हमारी मांग मनवाइए और धरना खत्म करवाइए।”

हिना ने कहा, “सरकार ने हमें बेवकूफ समझ रखा है। आप रात में नोटबंदी कर सकते हैं तो क्या हम सीएए के खिलाफ धरना भी नहीं दे सकते? एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते? सरकार सबकुछ कर सकती है, लेकिन सिर्फ एक समुदाय को निशाना बना रही है।”

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने शाहीनबाग धरना मामले पर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी की होगी।