‘मेक इन इंडिया’ के तहत इफको मार्च से शुरू करेगा नैनो उर्वरक उत्पादन

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफको) मार्च 2020 से नयी नैनों प्रौद्योगिकी आधारित नाइट्रोजन उर्वरकों का उत्पादन शुरु कर रहा है।
इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि एक बोतल नैनो उर्वरक, बाजार में उपलब्ध एक बोरी यूरिया के जैसा ही काम करेगा। एक बोतल नैनों यूरिया का मूल्य लगभग 240/- रुपये होगा। इसका मूल्य परम्परागत यूरिया के एक बैग की तुलना में दस प्रतिशत कम आका गया है।

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इफको के प्रबंध निदेशक, उदय शंकर अवस्थी ने बताया –

फको के प्रबंध निदेशक, उदय शंकर अवस्थी ने बताया कि गुजरात के अहमदाबाद में स्थित कलोल कारखाने में, नाइट्रोजन आधारित उर्वरक का उत्पादन किया जायेगा । यह पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगा जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्धारित लक्ष्य- 2022 तक, किसानों की आय दोगुना करने में मददगार साबित होगा । कम्पनी, सालाना ढाई करोड़ बोतल उत्पादन की योजना के तहत आगे बढ़ रही है।

मैनिजिंग डाइरेक्टर- इफको किसान के संदीप मल्होत्रा ने कहा –

संदीप मल्होत्रा (मैनिजिंग डाइरेक्टर- इफको किसान) से हुई एक बातचीत मैं उन्होने बताया की ये इफको की और से एक क्रांतिकारी कदम हैं जो किसानों की लागत को कई हद तक कम कर देगा उन्होने बताया कि नैनों यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल, 40 किलो यूरिया के बराबर होगी। इस नये नैनो उत्पाद द्वारा यूरिया के प्रयोग से देश में 50% तक की खपत कम होगी और फसलों का उत्पादन भी बढेगा। आगे उन्होंने कहा कि ये इफको की और से एक क्रांतिकारी कदम हैं जो किसानों की लागत को कई हद तक कम कर देगा उन्होने बताया कि नैनों यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल, 40 किलो यूरिया के बराबर होगी। इस नये नैनो उत्पाद द्वारा यूरिया के प्रयोग से देश में 50% तक की खपत कम होगी और फसलों का उत्पादन भी बढेगा।

उदय शंकर ने आगे बताया कि गुजरात के अहमदाबाद में स्थित कलोल कारखाने में, नाइट्रोजन आधारित उर्वरक का उत्पादन किया जायेगा । यह पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगा जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्धारित लक्ष्य- 2022 तक, किसानों की आय दोगुना करने में मददगार साबित होगा । कम्पनी, सालाना ढाई करोड़ बोतल उत्पादन की योजना के तहत आगे बढ़ रही है।  इफको के प्रबंध निदेशक, उदय ने ये भी बताया कि गुजरात के अहमदाबाद में स्थित कलोल कारखाने में, नाइट्रोजन आधारित उर्वरक का उत्पादन किया जायेगा । यह पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत होगा जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्धारित लक्ष्य- 2022 तक, किसानों की आय दोगुना करने में मददगार साबित होगा । कम्पनी, सालाना ढाई करोड़ बोतल उत्पादन की योजना के तहत आगे बढ़ रही है।

संदीप ने कहा कि नैनों यूरिया की 500 मिलीलीटर की बोतल, 40 किलो यूरिया के बराबर होगी। इस नये नैनो उत्पाद द्वारा यूरिया के प्रयोग से देश में 50% तक की खपत कम होगी और फसलों का उत्पादन भी बढेगा।