IMP NEWS: सोना खरीदी का ‘प्लान’ है, तो थोड़ा इंतजार करें, 1 जनवरी से बदलने वाला है ‘यह’ नियम, सरकार ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- अगर आप सोने के गहने खरीदना चाहते हैं तो थोडा इंतजार करें.  क्योंकि 1 जनवरी से सोना खरीदने के नियम बदल जाएंगे. लंबी अवधि के बाद कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने सोने और चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के फैसले को हरी झंडी दिखा दी है. अब 1 जनवरी से हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगा.

मंत्रालय जल्द ही इस सन्दर्भ में नोटिफिकेशन जारी कर सकता है. जो क्षेत्र अभी दूरी पर स्थित हैं, उन्हें  अनिवार्य हॉलमार्किंग को लागू करने के लिए 1 वर्ष की अवधि दी जाएगी. सरकार के फैसले से सराफा मार्केट पर बड़ा असर पड़ सकता है. लेकिन उपभोक्ताओं को इसका फायदा जरूर मिलेगा. वर्तमान में केवल 40 फीसदी गहनों पर ही हॉलमार्किंग की जाती है. भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, जो बड़े पैमाने पर आभूषण उद्योग की मांग को पूरा करता है. भारत सालाना 700 – 800 टन सोना आयात करता है.

अनिवार्य हॉलमार्किंग को मिली हरी झंडी

सरकार 14 कैरेट, 16 कैरेट, 20 कैरेट और 22 कैरेट के गहनों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य करेगी. इसके लिए 400 से 500 नए असेसिंग सेंटर शुरू किए जाएंगे. वर्तमान में देश में 700 से अधिक असेसिंग सेंटर हैं. सरकार के अनुसार, अभी भी अधिक सहायता केंद्रों की आवश्यकता है.

ग्रामीण सराफा पर कोई भी कार्रवाई नहीं करेगी सरकार

इस नियम को ग्रामीण क्षेत्र में लागू करने के लिए, 1 वर्ष की अवधि दी जाएगी.  इस बीच, सरकार ग्रामीण सराफा पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी. सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग को पूरी तरह अनिवार्य कर दिया गया है. इस बीच, बीआईएस (BIS) उपभोक्ताओं को अनिवार्य हॉलमार्किंग गहने खरीदने के लिए जागरूक करेगा.

क्या है हॉलमार्किंग?

आपको बता दें कि सोने की हॉलमार्किंग का मतलब उसकी शुद्धता का प्रमाण है. हॉलमार्किंग के जरिए हम यह पता कर सकते हैं कि ज्वेलरी में कितना सोना और कितना अन्य मेटल, कितने अनुपात में इस्तेमाल किया गया है. यह इन सब का सटीक निर्धारण एवं आधिकारिक रिकार्ड होता है. अब नए नि‍यमों के चलते सभी ज्‍वैलर्स को हॉलमार्किंग का लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा.

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