नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन– देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) में अगर आप अकाउंट होल्डर हैं और आपने इसमें FD करवाई है, तो यह खबर आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि एफडी पर होने वाला मुनाफा अब कम हो सकता है. इससे बचने के लिए आपको फॉर्म 15 जी / एच जमा करना होगा. बैंक आपके एफडी के लाभ से टीडीएस घटा देता है. सिर्फ एफडी व बचत खाते पर सालाना 50 हजार रुपए से अधिक का ब्याज दिया जाता है, तभी यह कटौती की जाती है. SBI ने अब अपने ग्राहकों को एक सुविधा प्रदान की है, जिससे आप टैक्स कटौती से बचने के लिए घर बैठे 15 जी / 15 एच फॉर्म जमा कर सकते हैं. आइए जानें इसके बारे में…
क्या नियम है:
सीधे शब्दों में, इसका मतलब यह है कि यदि किसी वित्तीय वर्ष में अर्जित ब्याज एक निश्चित सीमा से अधिक है, तो बैंक उस ब्याज राशि पर टीडीएस काटते हैं. इससे पहले, पिछले वित्तीय वर्ष में यह सीमा 2018-19 में 10 हजार व वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 हजार थी. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए यह मर्यादा 40 हजार व वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50 हजार रुपए है.
आपको फॉर्म 15 जी / एच क्यों भरना पड़ेगा?
यदि आपकी सकल आय और बैंक से प्राप्त आय, मूल आय की टैक्स कटौती की सीमा के भीतर है, तो आपको फॉर्म 15 जी / एच जमा करना होगा. इसका मतलब यह है कि बैंक के साथ फॉर्म 15 जी / एच फॉर्म जमा करके, आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि, बैंक द्वारा आपको दिए गए ब्याज पर कोई कर देय नहीं है और आपको अपने धनवापसी से कर नहीं कटेगा.
इस पर ध्यान दें:
सबसे पहले, आपको यह जांचने की आवश्यकता है कि क्या आप फॉर्म 15 जी / एच भरने के योग्य हैं या नहीं. इसका मतलब यह है कि यदि वित्तीय वर्ष में सभी स्रोतों से प्राप्त आय पर कर लगाया जाता है, तो आपकी बैंक की एफडी पर मिले ब्याज पर ब्याज छूट नहीं मिलेगी.