पिछले वर्ष के मुकाबले हवा की गुणवत्ता निर्देशांक 119 से 127 पर पहुंची

पुणे में पर्यावरण के बदतर हो रहे हालात
पुणे :  समाचार ऑनलाइन – सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखे छोड़ने पर इस वर्ष कुछ शर्तें लागू करने के बावजूद दिवाली में हवा की गुणवत्ता में सुधार के बजाए गिरावट दर्ज की गई है। पुणे शहर में पिछले वर्ष दिवाली में हवा की गुणवत्ता निर्देशांक 119 था। इस बार दिवाली में इसमें 9 अंक की वृद्धि हो गई और यह 127 तक पहुंच गया।
वातावरण में हवा की गुणवत्ता का निर्देशांक 0 से 50 तक स्वास्थ्य के लिए बेहतर होता है, लेकिन पुणे शहर में वाहनों की बढ़ती संख्या, धूलकणों की वजह से 60 से 80  के बीच रहता है। दिवाली में बड़े पैमाने पर छोड़े गए पटाखों की वजह से हवा की गुणवत्ता बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। दिवाली में होने वाले प्रदूषण के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने विशेष समय में पटाखे छोड़ने का आदेश दिया था।
इस वर्ष से उस पर अमल भी शुरू हुआ। रात 8 से 10 बजे के बीच ही पटाखे छोड़ने की अनुमति दी गई थी। इस पाबंदी के बाद पिछले वर्ष की तुलना में हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद थी, लेकिन उसके विपरीत हवा की गुणवत्ता खराब हो गई है। इस वर्ष निर्देशांक 127 रहा जबकि पिछले वर्ष 119 था। उससे पहले 2016 में 168 था। शहर के कर्वे रोड में सह्राद्रि हॉस्पिटल के पास दिवाली के दौरान यह निर्देशांक 187 तक पहुंच गया था। यहां लगातार यह 100 के ऊपर ही रहा है।
पटाखे छोड़ने को लेकर कोर्ट द्वारा लगाई पाबंदी का सरासर उल्‍लंघन होता नजर आ रहा है। दिवाली में 6 से 9 नवंबर के बीच यह तस्वीर देखने को मिली। विशेषकर लक्ष्मीपूजन के दिन शहर भर में काफी मात्रा में पटाखे छोड़े गए। कोर्ट ने महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से दिवाली से पहले और दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता में आए बदलाव को लेकर रिपोर्ट मांगी है। इन आंकड़ों पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगी।
कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशानुसार महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने दिवाली के दौरान पुणे शहर के विभिन्न भागों में हवा की क्‍वालिटी का निर्देशांक व जानकारी इकट्ठी की है। इन आंकड़ों के विश्‍लेषण का काम जारी है। इसकी विस्तृत रिपोर्ट जल्द महाराष्ट्र पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को सौंपी जाएगी।