नागपुर, 14 जून : एक खुराफाती युवक ने यू-ट्यूब पर वीडियो देखकर बम बनाया। लेकिन उस बम को डिफ्यूज कैसे करना है ? इसकी जानकारी नहीं होने से वह परेशान हो गया। इसके बाद वह जिंदा बम को थैली में डालकर पुलिस स्टेशन पहुंच गया। पुलिस की बम शोधक और डिफ्यूज टीम मौके पर पहुंची और काफी देर की मशक्कत के बाद बम को डिफ्यूज किया गया। इस तरह से विस्फोट की घटना टलने से कई लोगों की जान बच गई हैं।
नंदनवन पुलिस स्टेशन में शनिवार को यह पूरा नाटक हुआ। आरोपी युवक का नाम राहुल युवराज पगाड़े (उम्र 25 ) है। नंदनवन पुलिस स्टेशन की सीमा में साईबाबानगर में वह रहता है। यू-ट्यूब पर बम कैसे बनाया जाता है ? इसका वीडियो उसने देखा और उसके दिमाग में बम बनाने का कीड़ा दौरने लगा। इसके अनुसार उसने बैटरी, इलेक्ट्रिक सर्किट और अन्य सामान जुटाया और बम तैयार कर लिया। बम तो तैयार हो गया लेकिन उसे डिफ्यूज कैसे करना है ? यह सवाल उसके सामने खड़ा हो गया। इसकी जानकारी उसे नहीं थी। बम फट सकता था और उसकी जान जा सकती थी। इसकी कल्पना से ही वह सिहर उठा। उसे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर करे तो करे क्या ?
आख़िरकार उसने बम को एक थैली में डाला और नंदनवन पुलिस स्टेशन पहुंच गया। वहां उसने पुलिस हवलदार मड़ावी को बताया कि उसके पास बम है। पुलिस ने उसे मनोरोगी मानकर उसकी उपेक्षा की। लेकिन जब उसके थैली से बम निकाला और पुलिस के सामने रखा तो तो जिंदा बम देखकर पुलिस स्टेशन में खलबली मच गई। थानेदार मुक्तार शेख ने तुरंत सीनियर्स और बम शोधक और नाशक टीम को इसकी जानकारी दी। इसके बाद दो मिनट में पुलिस स्टेशन खाली हो गया। बम शोधक टीम बम को किसी निर्जन स्थान में ले गई और बम के इलेक्ट्रिक सर्किट बैटरी से अलग कर बम को डिफ्यूज किया।
पुलिस स्टेशन में मचा हड़कंप
नंदनवन पुलिस स्टेशन में एक सिरफिरा जिंदा बम लेकर पहुंच गया। यह देखकर वहां मौजूद पुलिस वालों के होश उड़ गए। कई सीनियर पुलिस अधिकारी तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचे। बम के डिफ्यूज होने के बाद पुलिस वालों ने राहत की सांस ली।
पुलिस की गोपनीयता
खास बात यह है कि इस शॉकिंग घटना की खबर न फैले इसलिए शनिवार और रविवार की सुबह तक पुलिस ने मामले को दबाये रखा।
आरोपी गिरफ्तार
आरोपी राहुल पगाड़े के खिलाफ धारा 123 और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।