राजस्थान में इन वजहों से हारी भाजपा

जयपुर : समाचार ऑनलाइन – पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा का सूपड़ा साफ़ हो गया है, वहीं राजस्थान और मध्यप्रदेश में भी उसे हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि चुनाव नतीजों के दौरान मध्यप्रदेश एक फैक्टर बना हुआ था। जहां एक-एक मिनट में तस्वीर बदल रही थी और आख़िरकार यहां भी कांग्रेस ने बाजी मार ली। राजस्थान की बात करें, तो यहां नतीजे अनुमान के मुताबिक ही हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की अगुवाई में कांग्रेस ने पांच साल बाद सत्ता में वापसी की है।

विरोधी रुझान – 

राजस्थान में इस बार सत्ता विरोधी रुझान चरम पर था। जमीनी हालात की बात करें तो अधिकतर लोगों का कहना था कि वसुंधरा राजे उम्मीदों पर खरी नहीं उतरीं। हालांकि, लोगों को पीएम नरेंद्र मोदी से शिकायत नहीं थी, लेकिन वसुंधरा राजे से लोग नाराज दिखे।  कई मामलों पर वसुंधरा राजे के रुख ने लोगों को नाराज किया। फसलों का पूरा मुआवजा न मिलने, खाद वितरण में पुलिस बल का प्रयोग, किसानों की आत्महत्या, अपराधों में बढ़ोतरी, रोजगार की समस्या, डीजल-पेट्रोल-गैस के बढ़ते दाम, बिजली और जलापूर्ति जैसे मुद्दों की वजह से लोगों में भाजपा और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के प्रति रोष दिखा। इसके अलावा राजपूत भी इस बार वसुंधरा सरकार से बेहद नाराज थे।

टिकट बंटवारा –

इस बार भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर संग्राम छिड़ गया था। बड़ी संख्या में मौजूदा विधायकों के टिकट काटे गए। इसके अलावा कुछ मंत्रियों को भी टिकट नहीं दिया गया। इससे नाराज नेताओं ने बगावत का रुख अख्तियार कर लिया।हालांकि,मतदान से पहले कुछ बड़े नेता मान गए लेकिन समर्थकों में पहले ही निराशा घर कर गई थी। टिकट बंटवारे में वसुंधरा राजे के दखल ने भी भाजपा का खेल बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाई।

बागियों ने हराया –

इस बार कुछ बड़े नेता वसुंधरा सरकार से नाराज होकर बागी हो गए। भाजपा विधायक घनश्याम तिवारी ने अलग पार्टी भारत वाहिनी का गठन कर चुनाव लड़ा। उन्होंने खुलेआम वसुंधरा राजे का विरोध किया था। इसके अलावा कई दूसरे बागियों ने भीभाजपा का खेल बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई।

महिला वोटर – 

राजस्थान में इस बार महिला वोटरों ने सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई। मतदान प्रतिशत के हिसाब से महिला मतदाता, पुरुष मतदाताओं से आगे रहीं। इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत 74.66% और पुरुषों का मतदान प्रतिशत73.81% रहा। 2013 के पिछले चुनाव में भी महिलाएं आगे रही थीं और मतदान का प्रतिशत 75.57% और 74.92% रहा था।