जिसके कदमों में दुनिया और हाथ में बल्ला उसका नाम है महेंद्र सिंह धोनी, क्रिकेट का हीरा 

 
 
रांची : समाचार ऑनलाईन – भारतीय रेल में टीसी की नौकरी करने के दौरान अपनी बल्लेबाजी को निखारकर कोई विश्व क्रिकेट में शानदार भूमिका के लिए तैयार हो रहा है, ये कौन जानता था । लेकिन उस शख्स को मालूम था वह क्या कर रहा है और उसकी  दुनिया भारतीय रेल नहीं बल्कि कही और है । भारतीय टीम के सफलतम बल्लेबाज विकेट कीपर महेंद्र सिंह धोनी के क्रिकेट के जूनून का उनके घर में ही विरोध हुआ । उनके पिता ने इसे टाइम की बर्बादी बताकर पत्नी से बेटे को इससे दूर रहने को कहा था । लेकिन धोनी कहा मानने वाले थे । लोकल लड़कों के साथ क्रिकेट खेलते हुए जब वह गगनचुम्मी छक्के लगाते  तो उसी छक्के की ऊंचाई  की तरह उनके दिल  में बड़े सपने बड़ा मंच बड़ी दुनिया  का सपना भी हिलोरें  मान रहा था।  उनके पिता चाहते थे कि बेटा रेलवे की सरकारी नौकरी कर घर की जम्मेदारी उठाये। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी इतनी  आसानी से अपने सपने को मरने  देना नहीं चाहते थे । इस सफर में उनके साथ  उनकी बड़ी बहन  साये  की तरह खड़ी रही ।
गुमनाम गलियों  का नायब सितारा 
रांची की उन गुमनाम गलियों से निकल कर महेंद्र सिंह धोनी अपने लंबे बालों के साथ लंबी पारी खेलने के लिए जब भारतीय टीम में शामिल हुए और अपनी बल्लेबाजी का जौहर दिखाया तो देखने वालों की आंखें खुली की खुली रह गई । वह दिन और आज का दिन है महेंद्र सिंह धोनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक सफल कप्तान, सफल विकेटकीपर और एक शानदार इंसान का एक जाना पहचाना नाम है महेंद्र सिंह धोनी। हमेशा विवादों से दूर रहने वाले शांत दिमाग से विरोधी टीम को उनकी ही जमी  पर धूल चटाने वाले महेंद्र सिंह धोनी आज भले कप्तान नहीं है लेकिन आज के मौजूदा कप्तान उन्हें अपना गुरु मानते है और यह उनकी उपलब्धियों का एक छोटा सा सबूत भर है ।
तुम नहीं होंगे फिर  क्रिकेट तुम्हे याद रखेगा 
  संभव है  आने वाले कुछ सालों में धोनी क्रिकेट  को अलविदा कर दे लेकिन वर्ल्ड क्रिकेट में जो छाप उन्होंने छोड़ी है उसे मिटा पाना या उसे इग्नोर करना क्रिकेट के अस्तित्व पर सवाल खड़े करने के बराबर होगा। आज उनका जन्मदिन है और उन्हें दुनिया भर से लोग दुआ भेज रहे है । हमारी भी सुभकामना उनके साथ है ।  भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों  पहुंचाने के लिए माही शुक्रिया।