पेट्रोल की बढ़ती कीमत की मार , राज्य सरकार की इलेक्ट्रॉनिक कार

मुंबई।  समाचार ऑनलाइन
राज्य सरकार के काफिले में  14 इलेक्ट्रॉनिक कार का प्रवेश हो चुका है। ध्वनी प्रदूषण और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार पर्यावरण के लिए  महत्त्वपूर्ण है। उसी के साथ पेट्रोल का खर्च भी नहीं आएगा। राज्य सरकार अब नई  गाडी खरीदी करते वक्त पेट्रोल, डीजल पर चलने वाली गाडियों का विचार नहीं करते हुए  इलेक्ट्रिक पर  चलने वाली  इलेक्ट्रिक कार खरीदी करने वाली है।  सार्वजनिक बांधकाम विभाग सेवा में पांच इलेक्ट्रॉनिक कार का उपयोग किया जाने वाला है।
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मंत्रालय में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथो से ई-व्हेईकल्स का उद्घाटन हुआ। इलेक्ट्रिक कार से  चंद्रकांत पाटील, गिरीश महाजन और राम शिंदे ने   मंत्रालय की  सैर  की। डीसी या फिर एसी करंट से गाड़ियों को चार्ज  किया जा सकता है।  मंत्रालय और  सार्वजनिक बांधकाम विभाग के  परिसर  में  चार्जिंग स्टेशन  बनाये गए है। एक बार  कार की  बॅटरी चार्ज   करने पर  120 किमी दुरी पार  की जा सकती है।   आगे 6 महीनो ने लिए  इन गाड़ियों का परफॉर्मन्स  देखा जायेगा  उसके बाद ही  14  गाड़िया सार्वजनिक बांधकाम विभाग में लिए जाएंगे।आने वाले साल में  सरकारी सेवा के लिए हजारो गाड़िया शामिल हो जाएंगी।  केंद्र सरकार के   Energy Efficiency service limited  संस्था की ओर से इलेक्ट्रॉनिक कार का कार्यक्रम किया गया।
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इलेक्ट्रॉनिक कार की खासियत
इलेक्ट्रॉनिक कार, सीएनजी पर  चलनेवाली कार  से   पूरी तरह अलग है। इस कार की काफी खूबियां भी है कार में  बैठने पर कार कब चालू हुई यह भी पता नहीं चलता  इंजिन की आवाज नहीं होने से  ध्वनी प्रदूषण भी नहीं होगा। किसी तरह की धुँआ नहीं  निकलने से वायु प्रदूषण भी नहीं होगा। यह कार एक बार  चार्ज   करने  पर  120 किमी  चल सकती है।  डीसी करंट पर  चार्जिंग करने पर  90 मिनिट में  चार्जिंग  पूरी हो जायेगी और एसी करंट पर चार्जिंग करने पर 12  घंटे लग सकते है।
इस कार को  पेट्रोल का खर्चा नहीं है सरकार की ओर से चार्जिंग स्टेशन बढ़ाने  पर जोर दिया जा रहा है।  अगले  साल में  टाटा और महिंद्रा की ओर से   एक हजार कार राज्य सरकार कार्यालय में  शामिल हो जाएगी।  हर दिन बढ़ते पेट्रोल के कीमतों और  सीएनजी स्टेशन  के बाहर लंबी कतार को देखते हुए   राज्य सरकार ने यह नया  विकल्प  निकाला है।