भारत-रूस संबंध रक्षा क्षेत्र से बढ़कर व्यापार क्षेत्र में पहुंचे

व्लादिवोस्तोक (रूस), 6 सितम्बर (आईएएनएस)|  अब तक सिर्फ सैन्य या असैन्य परमाणु सहयोग के चश्मे से देखे जाने वाले भारत-रूस संबंधों में व्यापार प्रमुख क्षेत्र बनने जा रहा है।

यहां तक कि सहयोग के सैन्य और असैन्य परमाणु सौदे एक-तरफा मार्ग रहे हैं जिसमें भारत खरीदार और रूस विक्रेता रहा है। लेकिन अब इसे बदलना है। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो-दिवसीय दौरे पर यहां कहा और खरीददार और विक्रेता के रिश्ते को बदलकर एक सहयोगी का रिश्ता बनाने पर जोर दिया है।

उन्होंने दोनों देशों के बीच रिश्तों को सैन्य और असैन्य परमाणु व्यापास से आगे बढ़ विस्तृत कर व्यवसाय और निवेश पर फोकस करने पर जोर दिया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी सहमति जताई कि दोनों पुराने सहयोगियों के बीच 11 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार बहुत कम है। इसलिए दोनों नेताओं ने अगले छह सालों में 30 अरब डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है।

गुरुवार को मोदी ने ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम (ईईएफ) में मेजबान पुतिन की मौजूदगी में संबोधित करते हुए कहा कि वे दोनों सहमत हुए हैं कि दोनों देशों के बीच पिछले सात दशकों से करीबी रिश्तों को देखते हुए व्यापार का वर्तमान स्तर बहुत कम है।

मोदी ने कहा, “(भारत-रूस संबंधों में) काफी संभावनाएं हैं। अब तक, पूरी क्षमता नहीं दिखाई गई है। गति बहुत धीमी है।”

उन्होंने ऊर्जा और खनिज क्षेत्रों में काफी संभावनाएं जताईं। उन्होंने कहा कि रूस इन क्षेत्रों में काफी समृद्ध है और भारत इन क्षेत्रों में निवेश कर सकता है।

अपने रूस दौरे पर मोदी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 50 समझौते हुए हैं, जिनसे अरबों डॉलर के निवेश की उम्मीद है।

उपस्थित जनसमूह से उन्होंने कहा, “मैं यहां सिर्फ भाषण देकर जाने के लिए नहीं हूं।” इसका मतलब उनका मतलब व्यापार से है।

उन्होंने कहा कि उन्होंने और पुतिन में एक खासियत है कि “हम दोनों कभी संतुष्ट नहीं होते।”

दोनों नेताओं ने बुधवार को अपनी बातचीत के दौरान सहयोग बढ़ाने का रोडमैप बनाया।

सहयोग बढ़ाने के लिए अन्य क्षेत्रों में कृषि, फार्मा और इंफ्रास्ट्रक्चर हैं। उन्होंने भारतीय उद्योगपतियों के लिए वीजा नियमों को आसान बनाने और मुद्रा सम्बंधी मामलों को सरल बनाने पर भी चर्चा की।

उल्लेखनीय रूप से मोदी ने भारतीय श्रमशक्ति को रूस भेजने का प्रस्ताव दिया और बताया कि कैसे खाड़ी देशों जैसे देशों की आय में वृद्धि हुई है। भारतीय प्रवासी दूसरे देशों से धन भेजकर भारत की आय भी बढ़ा रहे हैं।

भारत और रूस के फार ईस्ट के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच जल मार्ग शुरू करने का भी निर्णय लिया गया। भारत फार ईस्ट में विभिन्न क्षेत्रों, खासकर ऊर्जा तथा खनन में निवेश करेगा।

रूसी राष्ट्रपति ने ऊर्जा क्षेत्र के बारे में बात की और कहा कि उनका देश विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता है। उन्होंने फार ईस्ट और आर्कटिक क्षेत्रों में ऊर्जा, खासकर तरलीकृत प्राकृति गैस (एलएनजी) के क्षेत्र में सहयोग की बड़ी संभावना का उल्लेख किया। दोनों नेता पांच-वर्षीय रोडमैप पर ऊर्जा क्षेत्र में दोहरे निवेश को बढ़ाने पर सहमत हुए।

भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाताओं से कहा कि आर्थिक संबंधों को रफ्तार देने के निर्णय से दोनों देशों के बीच संबंधों को नए आयाम मिलेंगे।

मोदी और पुतिन ने भारत में पर्यटन के उद्देश्य से अंतर्देशीय जल-मार्ग में रूस की भागीदारी की संभावनाओं पर चर्चा की।

मोदी के रूस दौरे पर हुए समझौतों में सड़क परिवहन और सड़क उद्योग में द्विपक्षीय सहयोग पर समझौता, साल 2019-22 तक सीमा शुल्क संबंधी उल्लंघनों पर सहयोग के लिए योजना, रशियन फार ईस्ट में कोकिंग कायला खनन परियोजनाओं के क्रियांवयन में सहयोग के लिए समझौता, निवेश सहयोग के लिए इनवेस्ट इंडिया और रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड सहयोग समझौता, फेडरेशन ऑफ इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और इंडस्ट्री ऑफ रोसकांग्रेस फाउंडेशन के बीच सहयोग का समझौता, नई परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए फेडरेशन ऑफ इंडिया चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और ऑटोनोमस नॉन-प्रॉफिट ऑगेर्नाइजेशन एजेंसी फॉर स्ट्रेटेजिक इनीशिएटिंव्स के बीच समझौता हैं।

एक समझौता जॉइंट स्टॉक कंपनी रोसजियोलोजिया और स्रेई इंफ्रास्ट्रक्च र फाइनेंस लिमिटेड के बीच सहयोग पर भी हुआ।

रूस के प्रति भारत की गंभीरता को समझाते हुए मोदी ने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का उल्लेख किया, जो पिछले महीने चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत 150 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ रूस आए थे। मोदी ने कहा कि यह एक अद्वितीय कदम था। प्रतिनिधिमंडल ने 11 प्रांतों के 11 गवर्नरों से मुलाकात कर वाणिज्यिक अवसरों पर चर्चा की थी और भारत अब उन गवर्नरों की भारत यात्रा की अपेक्षा कर रहा है।