भारत ने अफ्रीका को सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया

संयुक्त राष्ट्र (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की श्रेणी में अफ्रीका के प्रतिनिधित्व करने के अधिकार पर जोर दिया है। भारत ने इसके साथ लंबे समय से लंबित सुधार प्रक्रियाओं को सक्रिय करने का प्रयास किया है।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजय राणा ने बुधवार को ‘शांति के लिए बहुपक्षीयवाद और कूटनीति पर महासभा’ की उच्चस्तरीय वार्ता के दौरान कहा, “हमें कार्रवाई करनी होगी, जिससे अफ्रीका को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बने नए आदेश, विशेष रूप से संशोधित और व्यापक सुरक्षा परिषद में केंद्रीय और प्रमुख भूमिका दी जाए जिससे परिषद आज की दुनिया को प्रदर्शित कर सके ना कि 1945 की दुनिया का।” उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद का शांति और सुरक्षा स्तंभ शायद सबसे महत्वपूर्ण है फिर भी महासभा की प्रक्रिया रुकी हुई है। हमें जल्दी सुधार के लिए कार्रवाई करनी होगी।”

सुधार प्रक्रिया पर कुछ देशों के एक छोटे समूह द्वारा लगाए गए दशकों लंबे अवरोध को हटाने के लिए भारत ने अफ्रीका की स्थायी सदस्यता के अधिकार की ओर ध्यान दिलाया है। इस संगठन की अगुआई इटली करता है और इसमें पाकिस्तान भी है। इसे संशोधित परिषद में दो स्थाई सीटों की मांग करने वाले और अफ्रीका के साथ हुए ऐतिहासिक अन्यायों के खिलाफ आवाज उठाने वाले अफ्रीकी देशों का विरोध करने के लिए बनाया गया है।

55 अफ्रीकी देशों के समूह के रूप में यह संयुक्त राष्ट्र में सबसे बड़ा समूह है जो इसके सदस्य देशों की संख्या के एक-चौथाई से भी ज्यादा है, इसके बावजूद परिषद में यह स्थायी सदस्य नहीं है। परिषद द्वारा बनाए गए संयुक्त राष्ट्र के 13 शांति संगठनों में सात संगठन अफ्रीका में हैं। राणा ने कहा कि आज बहुपक्षीयवाद संकट और इस पर चर्चा दिनों-दिन चुनौतीपूर्ण होती जा रही है। उन्होंने कहा, “लेकिन हमें इस प्रक्रिया के प्रत्येक चरण पर प्रतिबद्ध होने की जरूरत है।”