इंडियन बैंक का एनपीए घटा

चेन्नई: इंडियन बैंक ने अपने तिमाही और वार्षिक परिणामों की घोषणा की है। बैंक के निदेशक मंडल ने तिमाही और 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के ऑडिट के परिणामों को मंजूरी दे दी है। जिसके मुताबिक, बैंक के ऑपरेटिंग लाभ में 25% प्रतिशत का इजाफा हुआ है। बैंक का शुद्ध लाभ 1258.99 करोड़ है। सबसे ख़ास बात ये है कि बैंक का नॉन परफॉर्मिंग एसेट यानी एनपीए 58बीपीएस घटकर 3.81% आ गया है, जो राष्ट्रीयकृत बैंकों में सबसे कम है। 10 मई को चेन्नई में आयोजित बैठक में इन परिणामों को मंजूरी दी गई।

क्या होता है नॉन परफॉर्मिंग एसेट?
जब कोई देनदार अपने बैंक को ईएमआई देने में नाकाम रहता है, तब उसका लोन अकाउंट नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) कहलाता है। नियमों के हिसाब से जबकिसी लोन की ईएमआई, मूल रकम  या ब्याज देय तिथि के 90 दिन के भीतर नहींआता है तो उसे एनपीए में डाल दिया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो जब किसी लोन से बैंक को रिटर्न मिलना बंद हो जाता है तब वह उसके लिए एनपीए या बैड लोन हो जाता है।