संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में भारत का दो वर्षीय कार्यकाल आज से होगा शुरू, लहराएगा तिरंगा

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : भारत का संयुक्त राष्ट्र  सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यता के तौर पर दो साल का कार्यकाल आज सोमवार से शुरू हो रहा है।  संयुक्त राष्ट्र में दो वर्षों के लिए अस्थायी सदस्य के तौर पर अपना कार्यकाल शुरू करने रहा है। पांच नए अस्थायी सदस्य देशों के झंडे चार जनवरी को यानी आज एक विशेष समारोह के दौरान लगाए जाएंगे।

चार जनवरी यानी आज से आधिकारिक रूप से पहला कार्य दिवस है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी. एस. तिरूमूर्ति तिरंगा लगाएंगे और उम्मीद है कि समारोह में वह संक्षिप्त संबोधन भी देंगे। भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में नॉर्वे, केन्या, आयरलैंड और मैक्सिको अस्थायी सदस्य बने हैं। वे अस्थायी सदस्यों इस्टोनिया, नाइजर, सेंट विंसेंट और ग्रेनाडा, ट्यूनिशिया, वियतनाम तथा पांच स्थायी सदस्यों चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ इस परिषद् का हिस्सा होंगे।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद वैश्विक सुरक्षा प्रबंधन का सबसे बड़ा मंच माना जाता है। सुरक्षा परिषद पर विश्व में शांति-व्यवस्था को बनाए रखने और सामूहिक सुरक्षा के सिद्धांत का अनुपालन सुनिश्चित कराने का उत्तरदायित्व रहता है। समय-समय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अस्थायी सदस्यता में परिवर्तन होता रहता है। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार होता है। इन देशों की सदस्यता दूसरे विश्व युद्ध के बाद के शक्ति संतुलन को प्रदर्शित करती है।

सम संख्या से प्रारंभ होने वाले वर्षों में अफ्रीका महाद्वीप से 2 सदस्य देश और पूर्वी यूरोप, एशिया-प्रशांत क्षेत्र, लैटिन अमेरिका व कैरीबियाई क्षेत्र से एक-एक सदस्य देश चुने जाते हैं। वहीं, विषम संख्या से प्रारंभ होने वाले वर्षों में पश्चिमी यूरोप और अन्य क्षेत्रों से दो सदस्य, एशिया-प्रशांत क्षेत्र, अफ्रीका महाद्वीप, लैटिन अमेरिका व कैरीबियाई क्षेत्र से एक-एक सदस्य देश चुने जाते हैं। जून 2019 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र से 1 सदस्य के लिये सर्वसम्मति से भारत का अनुमोदन किया गया था। ध्यातव्य है कि इस अनुमोदन को चीन पाकिस्तान का पूर्ण समर्थन प्राप्त था।

भारत ने जनवरी 2021 से दिसंबर 2022 तक की समयावधि के लिये मतदान करने वाले 192 देशों के सापेक्ष 184 देशों का समर्थन प्राप्त किया। इससे पूर्व भी भारत वर्ष 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रहा है। परिषद् का अध्यक्ष हर सदस्य एक महीने के लिए बनता है, जो देशों के अंग्रेजी वर्णमाला के नाम के अनुसार तय किया जाता है। झंडा लगाने की परंपरा की शुरुआत कजाकिस्तान ने 2018 में शुरू की थी।