इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन और केएम जोसेफ ने सुप्रीम कोर्ट के तीन नए जजों के तौर पर ली शपथ

नई दिल्ली। समाचार ऑनलाइन
सुप्रीम कोर्ट के तीन नए जजों ने मंगलवार को शपथ ली। वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन और उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस केएम जोसेफ ने शपथ ग्रहण किया इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट को तीन नए जस्टिस मिल गए हैं।
केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के लिए भेजे गए वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस जोसेफ का नाम तीसरे नंबर पर है। दरअसल, एक ही दिन शपथ लेने पर जो जज पहले शपथ लेता है, वो सीनियर हो जाता है। इसके चलते वरिष्ठता के क्रम में सबसे नीचे जस्टिस जोसेफ हैं। इसी को लेकर विवाद छिड़ा है।
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जस्टिस जोसेफ को लेकर हो रहा विवाद
जस्टिस जोसेफ के मसले पर सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों ने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि केंद्र ने पदोन्नति में उनकी (जस्टिस जोसेफ) वरिष्ठता को कम कर दिया है। हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में नियमों के अनुसार ही काम कर रही है। उसका कहना है कि वरिष्ठता व परंपरा के अनुसार ही नोटिफिकेशन जारी किया गया है।
बता दें कि जस्टिस बनर्जी और जस्टिस सरन 7 अगस्त, 2002 को हाई कोर्ट में जज नियुक्त हुए थे। जबकि जस्टिस जोसफ 14 अक्टूबर, 2004 को हाई कोर्ट के जज नियुक्त हुए थे।
केंद्र ने लौटा दी थी कोलेजियम की सिफारिश
 
गौरतलब है कि केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जनवरी में जस्टिस जोसेफ का नाम भेजा था। उस वक्त केंद्र ने उनका नाम यह कहकर वापस भेज दिया था कि वे इतने सीनियर नहीं हैं। इसके बाद कोलेजियम ने जुलाई में मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और ओडिशा हाई कोर्ट के जस्टिस विनीत सरन के साथ जस्टिस जोसेफ का नाम दोबारा केंद्र को भेजा। बीतें शुक्रवार को केंद्र ने जस्टिस जोसेफ समेत तीनों जजों की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को हरी झंडी दिखा दी। हालांकि विवाद तब बढ़ा जब इसके लिए जारी नोटिफिकेशन में जस्टिस जोसेफ का नाम तीसरे नंबर पर रखा गया। दरअसल, इस वजह से जोसेफ के सीजेआई बनने या फिर किसी भी बेंच की अध्यक्षता करने की संभावनाओं पर असर पड़ सकता है।