Information: संभावित तीसरे लहर के मद्देनज़र छोटे बच्चों का कैसे रखें ध्यान? जानें सभी प्रश्नों के उत्तर

नई दिल्ली: ऑनलाइन टीम- बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी परिवार के बड़े सदस्यों की होती है। क्योंकि ये बच्चों के लिए संक्रमण के वाहक हो सकते हैं। कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होने की आशंका जताई जा रही है। इसमें ब्लैक फंगस का संकट भी है। इस सिलसिले में बच्चों की देखभाल कैसे करनी है, क्या उपाय करें, इस बारे में डॉ. समीर हसन दलवई,  एएमपी और डॉ. गिरीश कुलकर्णी के साथ हुई बातचीत…

प्रश्न – जब तक वे टीकाकरण के मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तब तक बच्चों की देखभाल कैसे की जानी चाहिए?

उत्तर- हम बच्चों पर किए गए क्लिनिकल परीक्षणों के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन सभी प्रक्रियाओं में तेजी लाई गई है और परिणाम और सिफारिशों की घोषणा जल्द होने की उम्मीद है। इस बीच परिवार में बड़ों की जिम्मेदारी बनती है कि अपने बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाएं। क्योंकि यही बड़े व्यक्ति संक्रमण के वाहक हो सकते हैं। दूसरा यह कि अगर बच्चा 2 साल से ज्यादा का है तो वह मास्क का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन बच्चों को एक साथ खेलने से बचना चाहिए। बच्चों का इम्यून सिस्टम मजबूत रखने के लिए उन्हें पौष्टिक आहार देना चाहिए।

प्रश्न- कोरोना के ऐसे कौन से शुरुआती लक्षण हैं जिन पर माता-पिता को नजर रखनी चाहिए? साथ ही उन्हें किस अवधि में अधिक ध्यान देना चाहिए?

उत्तर- अधिकांश बच्चों को हल्का बुखार, खांसी, ठंड लगना, उल्टी, चिड़चिड़ापन, गले में खराश, शरीर में दर्द और थकान का अनुभव होता है। ये लक्षण आमतौर पर मौसमी फ्लू के होते हैं। ऐसे लक्षणों वाले बच्चों को पारिवारिक चिकित्सक या बाल रोग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में पैरासिटामोल या अन्य साधारण दवाएं दी जाती हैं। हम सिफारिश कर रहे हैं कि माता-पिता घर पर एक लक्षणो को लेकर चार्ट बनाए और इसे अपने डॉक्टर के साथ साझा करें। मैं व्यक्तिगत रूप से सिफारिश करता हूं कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए एक से दो दिन की छुट्टी लें और घर पर नियमित रूप से उनकी निगरानी करें। बच्चों की हालत में किसी भी तरह की गड़बड़ी होने पर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। लंबे समय तक और अत्यधिक बुखार, सांस की तकलीफ, भोजन की कमी, उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन, गंभीर पेट दर्द, सिरदर्द और सबसे महत्वपूर्ण बच्चे के व्यवहार में कोई महत्वपूर्ण बदलाव, आंखों की लाली और सूजन, होंठों की सूजन आदि लक्षण खतरे की घंटी हो सकती है। इस मामले में बाल रोग विशेषज्ञ या विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है।

प्रश्न – ब्लैक फंगस क्या है ? क्या छोटे बच्चे को इस फंगस का संक्रमण हो सकता है?

उत्तर- ब्लैक फंगस अर्थात म्युकरमायकोसिस एक दुर्लभ फंगस रोग है। सामान्य रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला एक स्वस्थ व्यक्ति आमतौर पर इस फंगस से संक्रमित नहीं होता है। इसका खतरा  कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमतावाले लोगों को अधिक होता है, यही वजह है कि इसे अवसरवादी सूक्ष्मजीव भी कहा जाता है। वयस्कों की तुलना में कोरोना ग्रस्त छोटे बच्चों में संक्रमण होना अत्यंत दुर्लभ है। मधुमेह जैसे कोमॉर्बिडिटी  साथ ही स्टेरॉयड के अधिक प्रयोग करने वाले कोरोना ग्रस्त वयस्कों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। ऐसा न हो इसकेलिए आपको आईसीयू में बच्चों की अधिक देखभाल करने की जरूरत है।

प्रश्न-कोरोनावायरस हवा सए फैल रहा है ऐसे में छोटे बच्चों को घर से बाहर न जाने दे क्या?

उत्तर. नई गाइडलाइंस के मुताबिक हवा की ड्रॉपलेट्स से 10 मीटर तक संक्रमण फैल सकता है। इसलिए बेहतर है कि बच्चों को मैदान पर खेलने न जाने दें। बच्चों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए और मास्क पहनना जरूरी है। 2 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य है। मास्क का उपयोग सामाजिक दूरी का विकल्प नहीं हो सकता है। इसलिए अगर आप परिवार के बाहर के व्यक्ति के बीच में जाते हैं तो 6 फीट से ज्यादा की दूरी बनाकर रखें। माता-पिता को अपने बच्चों को यह दिखाना चाहिए कि कैसे अपनी नाक और मुंह को पूरी तरह से मास्क से ढकना है और कहीं छोड़ना नहीं है। यदि परिवार का कोई व्यक्ति बीमार है, उसमें कोरोना के लक्षण हैं या उसका टेस्ट पॉजिटिव है तो परिवार में बच्चों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। छोटे बच्चों को कम से कम 20 सेकंड के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना सिखाया जाना चाहिए, साथ ही मास्क को छूने या हटाने के बाद 60 प्रतिशत अल्कोहल युक्त सैनिटाइज़र से अपने हाथ कैसे साफ़ करें।

प्रश्न. बच्चों के लिए टीकाकरण कब शुरू होगा? क्या उन्हें भी 2 खुराक लेनी है?

उत्तर: 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए टीकाकरण सितंबर 2021 से शुरू होने की संभावना है। इसके बाद 12 साल से कम उम्र के बच्चों को टीका लगाने में 6 से 8 महीने और लग सकते हैं। बच्चों को भी 2 खुराक लेने की जरूरत है। नाक के टीके के लिए परीक्षण चल रहे हैं। टीका की वअजह सए सांस की नली में स्थानीय प्रतिरोधक शक्ति बढे  साथ ही वायरस को मानव शरीर में प्रवेश करने से रोकेगा।

प्रश्न: चर्चा है कि तीसरी लहर से बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। ऐसा क्यों

उत्तर. फिलहाल इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस ने अपनी पैथोलॉजी में कोई बदलाव किया है जो छोटे बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। पहली लहर वरिष्ठ नागरिकों को और दूसरी लहर का नुकसान युवाओ को हुआ, लेकिन अब इनमें से कई लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो गई है। इस वर्ग को टीकाकरण से भी लाभ हुआ है। हालांकि अंडर-18 आयु वर्ग अभी भी संक्रमित होने से दूर है,  तो भी असुरक्षित है। यह वर्ग देश की कुल जनसंख्या का लगभग 40 प्रतिशत है। इसलिए यदि तीसरी लहर आती है, तो इसके इस समूह या बच्चों में फैलने की संभावना अधिक होगी।

प्रश्न. अगर कोई बच्चा कोरोना संक्रमित होकर कोरोना मुक्त हुअ हो तो उसकि रोग प्रतिरोधक क्षमता कितने समत तक टिक सकती है?

उत्तर. कोरोना संक्रमण के बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता 6 महीने से लेकर दशकों तक भी रह सकती है। इसलिए, सुरक्षा की सटीक अवधि के बारे में नहीं कहा जा सकता है।

प्रश्न- बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कौन से खाद्य पदार्थ फायदेमंद हो सकते हैं?

उत्तर-  संतुलित, पौष्टिक, प्रोटीन युक्त, आयरन से भरपूर मल्टी-विटामिन और अन्य सूक्ष्म पोषक आहार रोगप्रतिरोधक क्षमता प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए उपयोगी है। अच्छी नींद, संतुलित जीवन शैली और शारीरिक गतिविधि इम्युनिटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकती है।

प्रश्न. अपने बच्चों के घर पर रहते हुए सक्रिय और फिट रहने के लिए माता-पिता को क्या करना चाहिए?

उत्तर. बच्चों को संतुलित आहार, दैनिक व्यायाम और सकारात्मक रहना चाहिए। शेड्यूल का पालन करने के लिए यह सबसे अच्छा है। इस टाइमटेबल में बच्चों के दैनिक काम और उम्र के अनुसार घर के काम शामिल होने चाहिए। घर के कामों में माता-पिता की मदद करना अक्सर बच्चों के लिए खुशी की बात होती है। इसमें खाना पकाना, पौधों को पानी देना और भाई-बहनों के साथ खेलना शामिल होना चाहिए। घर के किसी भी काम में बच्चों के योगदान के लिए उनकी सराहना की जानी चाहिए, चाहे वह कितना ही छोटा क्यों न हो। अपने घर में बच्चों के लिए थोड़ा फन कॉर्नर रखें। इस क्षेत्र में बच्चे पेंट कर सकते हैं, पहेलियाँ सुलझा सकते हैं, किताबें पढ़ सकते हैं या नृत्य भी कर सकते हैं। क्लीन अप टाइम के जरिये परिवार को एक साथ आना चाहिए और संगीत सुनते हुए घर की सफाई करनी चाहिए। बच्चो को सभी वैक्सीन समय पर दिए जाने चाहिए