अब रेलवे सफर के दौरान नहीं मिलेगा प्लास्टिक की बोतल में पानी, रेल प्रशासन ने उठाया यह ‘बड़ा’ कदम

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – केंद्र सरकार द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसलिए धीरे-धीरे इसके इस्तेमाल को कम किया जा रहा है. हालाँकि, यह बंद पूरी तरह से अभी लागू नहीं किया गया है, इसके बावजूद भारतीय रेलवे इस संबंध में एक अहम पहल करने जा रहा है. भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी IRCTC ने अब रेलवे द्वारा बेचे जाने वाली ‘ रेल नीर’ प्लास्टिक की बोतल को बंद करने का निर्णय लिया है. इसके स्थान पर अब बायोडिग्रेडेबल मटेरियल में पानी बेचा जाएगा.

ट्वीट करके दी जानकारी
IRCTC ने ट्वीट के द्वारा यह जानकारी दी है. इस ट्वीट में लिखा गया है कि, पानी अब प्लास्टिक की बोतलों में नहीं बेचा जाएगा, बल्कि बायोडिग्रेडेबल सामग्री में बेचा जाएगा.लखनऊ-नई दिल्ली-लखनऊ रूट पर प्राथमिक स्तर पर एक पायलट परीक्षण की शुरूआत भी की जा चुकी है.

पानी की बोतल से सालाना कमाई 176 करोड़
अपने ‘ रेल नीर’ ब्रांड पानी को बेचकर रेलवे सालाना 176 करोड़ रुपये कमा रहा है.इसकी रेलवे के राजस्व में लगभग 7.8 प्रतिशत की भागीदारी रहती है. देश भर में रेल नीर के 10 संयंत्र हैं और इस माध्यम से रोजाना 10.9 लाख लीटर पानी की बिक्री होती है.रेलवे की जल्द ही 6 नए प्लांट लगाने की योजना बना रहा है, जबकि 4 प्लांटों को रेलवे ने मंजूरी भी दे दी है.

पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं है
सरकार पूरी तरह से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार है, लेकिन वर्तमान वैश्विक मंदी और कर्मचारियों की कमी के कारण, सरकार ने फ़िलहाल कम स्तर पर ही इसके इस्तेमाल को प्रतिबंधित किया है. सरकार दैनिक उपयोग में उपयोग में लाए जाने वाले प्लास्टिक पर तुरंत प्रतिबंध नहीं लगाएगी. इसकी जगह सरकार नागरिकों को इसे कम उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।