विडंबना ! दिल्ली में 22 साल बाद भी BJP का वनवास कायम ! दिल्ली में होते हुए भी दिल्ली की सत्ता से दूर…

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- राजधानी दिल्ली विधानसभा चुनाव में BJP ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन सिर्फ 8 साल पुरानी आम आदमी पार्टी ने भाजपा को बुरी तरह से पटकनी दे दी है. दिल्ली विधानसभा चुनावों में मतगणना जारी है. अब के रुझानों में आप बढ़त हासिल किए हुए है. इस बीच, भाजपा कार्यालय में लगे पोस्टर से पता चल रहा है कि भाजपा ने अपनी हार स्वीकार कर ली है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में AAP ने 70 में से 50 सीटों पर बढ़त (सुबह 9:45 बजे तक) हासिल की है।

भाजपा के पोस्टरों ने चर्चोंओं को दिया जन्म  

दिल्ली के भाजपा कार्यालय पर पोस्टर लगाए गए हैं. उन पर लिखा है- जीत से हम अहंकारी नहीं और हार से हिम्मत हारते नहीं. इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा ने पहले ही अपनी हार मान ली है.

बता दें कि मतगणना से पहले ही भाजपा के दिल्ली अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने जीत का दावा किया था।

एग्जिट पोल से बीजेपी निराश

सभी एग्जिट पोल के यह निष्कर्ष सामने आए थे कि, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की अगुवाई वाली सरकार एक बार फिर दिल्ली आएगी। सभी एग्जिट पोल में AAP ने बहुमत दिखाया। साथ ही यह भी सामने आया कि बीजेपी को बड़ा झटका लगने वाला है और उन्हें अपेक्षित जगह नहीं मिल रही है। वहीं एग्जिट पोल में कांग्रेस के हाथों से दिल्ली छुट गई थी.

दिल्ली में बीजेपी का वनवास कायम!

दिल्ली में तीन महापालिका और 7 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा का वर्चस्व है। लेकिन भाजपा का विधानसभा में झंडा फहराना उसकी असफलता का संकेत है। भाजपा ने दिल्ली में पहली विधानसभा चुनाव, यानी 1993 में अपनी आखिरी जीत हासिल की थी। इसी कार्यकाल में, भाजपा ने दिल्ली को तीन मुख्यमंत्री- मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज दिए थे. इसके बाद लगातार तीन बार, दिवंगत नेता शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस सत्ता में आई। पश्चात् साल 2013 और साल 2015 में केजरीवाल मुख्यमंत्री बने और शायद इस बार भी दिल्ली की गद्दी उनके पास ही जाने वाली है.