न्याय व्यवस्था को न माननेवालों के हाथ सत्ता रहना खतरनाक

पुणे । समाचार ऑनलाइन – देश की सत्ता जिन लोगों के हाथों में हैं उनका देश के संविधान पर विश्वास नहीं, उनका देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास नहीं, उनका सर्वोच्च जांच एजेंसी पर विश्वास नहीं। ऐसे लोगों के हाथों में देश की सत्ता का होना खतरनाक है। ऐसे लोगों को सत्ता से उखाड़ फेंकने का वक्त आ गया है। यह अपील पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस के हाइकमान शरद पवार ने सोमवार को पुणे में की।

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राष्ट्रवादी कांग्रेस की पुणे इकाई द्वारा आयोजित संविधान बचाओ रैली में शामिल हुए शरद पवार ने भारतीय संविधान पर लगातार हमले करनेवालों का सत्ता में रहना दुर्भाग्यपूर्ण बताया। शबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने जो फैसला सुनाया है उसकी अमलबाजी में भाजपा हाइकमान अमित शाह का हस्तक्षेप का मतलब उन्हें देश की न्याय व्यवस्था पर भी विश्वास नहीं है।

केंद्र व राज्य सरकार पर जोरदार हमला करते हुए पवार ने आगे कहा कि, राज्य में पेयजल की किल्लत गंभीर है। मगर सरकार उस पर कोई ठोस उपाययोजना नहीं कर रही है। पानी किल्लत का सबसे ज्यादा फटका महिलाओं को लगा है। जो सरकार लोगों की मुश्किलें कम नहीं कर सकती, मुसीबत में उनका साथ नहीं दे सकती, ऐसी सरकार को घर भेजने के समय अब आ गया है।
देश चलानेवालों को चाहिए कि संविधान की प्रतिष्ठा का जतन किया जाय, मगर सत्ता का दुरुपयोग कर संविधान पर ही हमला करना घातक है। भाजप के कामकाज हुक़ूमशाही के तरीके से चल रहा है, हम करे सो कायदा की उनकी नीति है। सीबीआई जैसी सर्वोच्च संस्था तक को इस सरकार ने बख्शा नहीं, यह टिप्पणी भी उन्होंने की। इस मौके पर राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल, पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार, सांसद वंदना चव्हाण, विधानसभा के भूतपूर्व अध्यक्ष दिलीप वलसे पाटिल, पूर्व मंत्री फौजिया खान, सांसद सुप्रिया सुले आदि उपस्थित थे।