कहते है हम सुपारी लेने वाले है तो आप क्या हफ्ता लेने वाले है ? मनसे का शिवसेना पर निशाना 

मुंबई, 26 नवंबर : आगामी मनपा चुनाव के मद्देनज़र भाजपा ने कमर कस ली है।  अब शिवसेना ने भी मिशन मुंबई शुरू  किया है।  कुछ दिनों पहले शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई के शिवसेना पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी।  इस बैठक में शिवसैनिकों को चुनाव के लिए तैयार रहने का आदेश दिया गया था।  दूसरी तरफ मुंबई मनपा चुनाव में भाजपा-मनसे एक साथ चुनाव लड़ेंगे क्या ? इस तरह की चर्चा राजनीतिक गलियारे में तेज़ हो गई है।  इस बीच शिवसेना नेता और मंत्री अनिल परब ने कहा है कि मनसे सुपारी लिए बिना काम नहीं कर सकती है।  इसलिए किसी की सुपारी तो उन्हें लेनी होगी।  अनिल परब की इस टिप्पणी पर अब मनसे ने पलटवार  किया है।

मनसे नेता बाला नांदगांवकर ने अनिल परब पर निशाना साधते हुए कहा कि आप कहते है कि हम सुपारी लेते है, तो क्या आप हफ्ता लेते है ? उन्होंने कहा कि अनिल परब और हमारी यात्रा साथ में शुरू हुई थी. इसलिए कौन क्या करता है यह मुझे अच्छी तरह मालूम है।  जाकर केबल वालों से पूछे पता चलेगा।  उन्होंने कहा कि मनपा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन करना है कि इसका निर्णय लेने का अधिकारी मनसे प्रमुख राज ठाकरे लेंगे।  पार्टी प्रमुख ने एक बार निर्णय लिया तो हम उसका स्वागत करेंगे।  फ़िलहाल एकला चला रे की हमारी भूमिका है।

इससे पहले अनिल परब ने भाजपा-मनसे के संभावित गठबंधन पर बयान देते हुए मनसे पर हमला बोला था।  अनिल परब ने कहा था कि मुंबई मनपा में बदलती राजनीति की जानकारी है या नहीं।  ये मालूम नहीं। मनसे सुपारी लिए बिना काम नहीं कर सकती है।  मनसे का अस्तित्व सुपारी पर चल रही है। अभी तक विभन्न दलों की सुपारी मनसे ने ली है।  जिन भाजपा नेताओं के खिलाफ लाव रे वह वीडियो के जरिये निशाना बनाया था उसी के साथ गलबहिया कर रहे है तो आगे क्या स्थिति होगी समझा जा सकता है. उन्होंने मुंबई मनपा चुनाव के शिवसेना के जितने का विश्वास।  जताया
 
हमने शिवसेना की तरह शादी किसी के साथ और लफड़ा  किसी और के साथ नहीं किया – संदीप देशपांडे 
मनसे ने जो किया खुलेआम किया।  हम पेट में कुछ रखे और मुंह में कुछ ऐसा नहीं किया।  हमने 2019 के चुनाव में जो भूमिका देशहित में सही लगी वह देश के सामने रखी।  यह बयान संदीप देशपांडे ने दिया है। हमने शिवसेना की तरह एक से शादी और दूसरे से प्यार नहीं किया।  शिवसेना ने मराठी और हिन्दू लोगों के साथ दगाबाजी की है। इसलिए अब शिवसेना को दगाबाज शिवसेना कहा जाता है।