18 साल का हुआ झारखंड,  राज्य को मिलेगी एक हजार करोड़ की सौगात

रांची | समाचार ऑनलाइन (असित मंडल ) – आज ही के दिन यानी 15 नवंबर को झारखंड का उदय हुआ था। 15 नवंबर 2000 को झारखंड बिहार से अलग होकर एक अलग राज्य बना था। राज्य के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर जेवीएम पार्टी के बाबूलाल मरांडी की नियुक्ति हुई थी, इसके बाद कई नेता और दल मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे। वर्तमान में सत्ता की चाबी भाजपा के पास है मुख्यमंत्री रघुवर दास स्थापना दिवस के मौके पर जनता को एक हजार करोड़ रुपए की सौगात देने वाले हैं। मुख्यमंत्री भव्य कार्यक्रम के बीच कई योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। दो घंटे के इस कार्यक्रम के लिए राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान को आकर्षक रूप से सजाया गया है। इससे पहले राज्यपाल द्रौपदी मु्र्मू व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सुबह कोकर स्थित बिरसा मुंडा के समाधि स्थल औ बिरसा चौक स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

पूर्व में राज्य सरकार ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से कार्यक्रम का मुख्य अतिथि बनने का आग्रह किया था,  लेकिन अपरिहार्य कारणों से शाह ने सहमति प्रदान नहीं की।  स्थापना दिवस समारोह का मुख्य कार्यक्रम मोरहाबादी मैदान में होगा।  इसमें 30 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गयी है।  समारोह में लाभुकों के बीच राज्य सरकार परिसंपत्तियों का भी वितरण करेगी।

विभिन्न जिलों के लिए सौगात –
झारखंड राज्य भवन निर्माण निगम लि. द्वारा स्वास्थ्य, कृषि, कल्याण, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के लिए विभिन्न योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों को इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सौगात मिलेगी। गुमला में पोल्ट्री फार्म व कोल्ड स्टोरेज, पाकुड़, दुमका, लातेहार, सिमडेगा व अन्य जगहों पर कॉलेज भवन, चास की जलापूर्ति, पाकुड़, साहिबगंज व अन्य जिलों में ठोस कचरा प्रबंधन समेत अन्य योजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा। इसके अलावा अस्पताल भवनों का उद्घाटन किया जाएगा। इन सारी योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार एक हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम छह बजे से शुरू होगा।

विरोध करने वालों पर होगी कार्रवाई –
राज्य स्थापना दिवस के दिन पारा शिक्षक तथा अन्य संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की सूचना सरकार को मिली है। सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि झारखंड स्थापना दिवस पूरे राज्य और यहां के निवासियों के लिए गौरव का दिन है। इसलिए उस दिन किसी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्थापना दिवस के दिन कोई विध्न डालता है या विरोध करता है, तो इसे राज्य के असम्मान के रूप में लिया जाएगा। ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्हें अगले दिन से ही कार्य मुक्त कर दिया जाएगा। सरकार विरोध-प्रदर्शन की वीडियोग्राफी के साथ-साथ अन्य माध्यमों से भी जानकारी लेगी।

सुरेश वाडकर और कृष्णमूर्ति के संग झूमेगी राजधानी –
स्थापना दिवस के मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम शाम छह बजे से शुरू होगा। मोरहाबादी मैदान में होने वाले इस कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों को भी अपनी कला दिखाने का मौका मिलेगा। साथ ही रांची के लोग प्रसिद्ध गायक सुरेश वाडेकर और गायिका कविता कृष्णमूर्ति के साथ झूम सकेंगे। इन दोनों को स्थापना दिवस पर विशेष तौर से आमंत्रित किया गया है।

आज होगी सौगातों की बरसात –
राजस्व कर्मियों,अमीनों और नव चयनित शिक्षकों को मिलेगा नियुक्तिपत्र
खुले में शौच से मुक्त होगा झारखंड
लोहरदगा, हजारीबाग और देवघर पूर्ण विद्युतीकृत जिला घोषित होगा
निर्माण योजनाओं का होगा शिलान्यास
कृषि पखवाड़ा का शुभारंभ
परिसंपत्तियों का किया जाएगा वितरण

आज नव चयनित शिक्षकों,राजस्वकर्मियों और अमीनों के बीच नियुक्तिपत्र का वितरण किया जाएगा। झारखंड खुले में शौच से मुक्त होगा और करीब 1100 करोड़ की निर्माण योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया जाएगा।  राज्य में 713 नवचयनित राजस्व कर्मचारियों एवं अमीनों के बीच नियुक्ति पत्र का वितरण किया जाएगा। स्कूली एवं साक्षरता विभाग के अंतर्गत प्लस टू विद्यालय के 1385 शिक्षकों के बीच भी नियुक्ति पत्र का वितरण किया जाएगा। इसके अलावा वाणिज्यकर विभाग के अंतर्गत सीमित प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से नवचयनित 20 राज्य कर पदाधिकारियों के बीच भी नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। समारोह में सांकेतिक रूप से पांच-पांच लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे।  झारखंड राज्य के 18वें स्थापना दिवस पर 15 नंवबर को  दो हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र और किसानों को पंप सेट बांटे जायेंगे. वहीं, ट्राइबल अफेयर्स डिपार्टमेंट की घोषणा की जायेगी।

ये रहें हैं झारखंड के मुख्यमंत्री –
राज्य के पहले सीएम रहे बाबूलाल मरांडी लगातार 853 दिन तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे। जिसके बाद भाजपा पार्टी से अर्जुन मुंडा 18 मार्च 2003 से 1 मार्च 2005 तक मुख्यमंत्री बने।  2 मार्च 2005 से 11 मार्च 2005 तक झामुमो के नेता शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने। 12 मार्च 2005 से 14 सितंबर 2006 तक फिर से अर्जुन मुंडा झारखण्ड के मुख्यमंत्री बने। जिसके बाद झारखंड की राजनीति में एक अलग मोड़ आया और निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा 18 सितंबर 2006 से 24 अगस्त 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे। हालांकि इस दौरान उनपर भष्टचार के आरोप लगे, जिसमें कोयला आवंटन घोटाला भी शामिल है। इस मामले में अब भी वह जेल में सजा काट रहे हैं। 27 अगस्त 2008 से 18 जनवरी 2009 तक फिर शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने। 13 जुलाई 2013 से 23 दिसंबर 2014 तक शिबू  सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन ने राज्य की कमान संभाली।

इस तरह राज्य में तीन बार मुख्यमंत्री बनने का रिकार्ड अर्जुन मुंडा और शिबू सोरेन के नाम है। राज्य के अमल में आने के बाद कुलमिला कर सर्वाधिक दिन सीएम रहने का रिकार्ड मुंडा का है। वहीं तीन बार मुख्यमंत्री बने शिबू सोरेन का पहला कार्यकाल मात्र 10 दिन का था। राज्य में तीन बार राष्ट्रपति शासन रहा है। 18 साल के इस राज्य में नौ बार सीएम बदले हैं। इसमें बाबूलाल मरांडी और मधु कोड़ा को एक-एक बार मौका मिला।

बिरसा मुंडा का योगदान –
आजादी की लड़ाई में शामिल स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। वह अंतिम समय तक लोगों के हक व अधिकार के लिए आवाज उठाते रहे, जिसके कारण लोगों ने उन्हें भगवान की उपाधि दी। अंग्रेजों के खिलाफ उन्होंने जो बिगुल फूंका था, उससे अंग्रेज हुकूमत की नींद उड़ गई थी। वे देश को शोषण मुक्त समाज बनाना चाहते थे।