कर्नाटक में सत्ता के करीब पहुंचकर रुकी भाजपा, कांग्रेस का जेडीएस को ऑफर  

बेंगलुरु: कर्नाटक में भाजपा सत्ता के बेहद करीब पहुंचकर रुक गई है। अब तक के रुझानों के मुताबिक पार्टी बहुमत से 6-8 सीटें दूर है। ऐसे में जेडीएस की भूमिका एकदम से अहम् हो गई है। वहीं कांग्रेस ने मौके का फायदा उठाने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी ने जेडीएस को समर्थन का ऐलान किया है। यानी वो अब जेडीएस के नेतृत्व में सरकार का हिस्सा बनने के लिए तैयार है। कांग्रेस नेता जी. परमेश्वर ने कहा है कि हम जनादेश को स्वीकार करते हैं। सरकार बनाने के लिए हमारे पास आंकड़े नहीं है। ऐसे में कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए जेडीएस को समर्थन देने की पेशकश की है। भाजपा को भी अब यह अहसास हो गया कि बिना जोड़तोड़ के उसे सत्ता नहीं मिलेगी, इसलिए उसने अपने तीन वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर, जेपी नड्डा और धर्मेंद्र प्रधान को बेंगलुरु भेजा है।

ऑफर स्वीकार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि हमने देवगौड़ा और कुमारस्वामी से बात की है। उन्होंने हमारे ऑफर को स्वीकार कर लिया है। उम्मीद है कि हम साथ होंगे। पूरे नतीजे आने से पहले ही कर्नाटक में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा है कि कांग्रेस और जेडीएस संयुक्त रूप से आज शाम को गवर्नर से मुलाकात करेंगे। हालांकि सूत्रों का कहना है कि गवर्नर ने कहा है कि वह तब तक किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं करेंगे, जब तक चुनाव आयोग की ओर से नतीजों की पूरी जानकारी नहीं मिल जाती।

भाजपा के पास सीमित विकल्प
एक समय रुझानों में 112 के जादुई आंकड़े को पार कर चुकी भाजपा के सामने बहुमत को लेकर पेच फंस गया है। वह 104 सीटों पर आगे चल रही है। ऐसे में बहुमत के आंकड़े से वह 8 सीट दूर नजर आ रही है। यदि कर्नाटक जनता पार्टी, बसपा और एक निर्दलीय भाजपा को समर्थन करते हैं तो वह 109 पर पहुंचेगी, लेकिन बहुमत से तब भी 4 सीट दूर ही रहेगी। ऐसे में यदि भाजपा को बहुमत जुटाना है तो वह जेडीएस या कांग्रेस के कुछ विधायकों को पाले में करते हुए उनसे इस्तीफा दिलाने का दांव चल सकती है। ऐसे में उन सीटों पर फिर चुनाव होगा और जीत हासिल कर बहुमत जुटाया जा सकेगा।