पेट्रोल पर केरल ने पेश किया उदाहरण, क्या बाकी राज्य कुछ करेंगे?

तिरुवनंतपुरम: पेट्रोल-डीजल के मुद्दे पर मोदी सरकार भले ही आम आदमी को राहत नहीं दे पाई हो, लेकिन केरल की वाम सरकार ने यह कर दिखाया है। राज्य सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले स्टेट टैक्स को कम कर दिया है। कैबिनेट बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। केरल में फिलहाल पेट्रोल के दाम 82.61 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 75.19 रुपए प्रति लीटर हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि कैबिनेट बैठक में पेट्रोल-डीजल से टैक्स हटाने पर आपसी सहमति बनी है। पेट्रोल-डीजल की नई दरें गुरुवार से लागू कर दी जाएंगी।

सबसे ज्यादा टैक्स
केरल में पेट्रोल पर तकरीबन 32.02 प्रतिशत टैक्स वसूला जाता है, जबकि डीजल पर सरकार 25.58 फीसदी टैक्स लगाती है। इसके अलावा यहां पेट्रोल और डीजल पर 1 फीसदी सेस भी अलग से लगा है। महाराष्ट्र के साथ ही केरल देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल है जहां तेल पर टैक्स की दरें सबसे अधिक है। पिछले वित्त वर्ष (2017-18) में केरल सरकार को पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से 7795 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था।

22 राज्यों में है भाजपा की सरकार
केरल के इस फैसले के बाद अब यह सवाल किया जाने लाग है कि क्या भाजपा और कांग्रेस शासित राज्य टैक्स हटाने का फैसला लेंगे? भाजपा और उसके सहयोगी दलों की कुल 22 राज्यों में सरकार है, ऐसे में यदि यहाँ भी टैक्स हटाया जाता है तो देश की एक बड़ी आबादी को राहत मिल सकती है। विपक्ष में रहते समय भाजपा ने ऐसा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद क्या वह फिर वही कदम उठाएगी? यह देखने वाली बात होगी।