घूसखोरों पर मनपा आयुक्त की मेहरबानी

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – एक ओर घूसखोरों पर लगाम कसने के लिए सरकार कड़े कदम उठाने जा रही है, वहीं दूसरी ओर पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर घूसखोरों पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आ रहे हैं। इसी के चलते मनपा के 16 कर्मचारी जिन्हें रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित किया गया है, उन्हें सेवा में फिर से शामिल किया गया है। हालांकि उन्हें मूल पद पर नियुक्ति नहीं दी गई है। उन्होंने ऐसे गैर-कार्यशील पदों की नियुक्ति की है जो किसी भी प्रकार के वित्तीय लेन-देन के संपर्क में नहीं आते हैं। मनपा आयुक्त हार्डिकर की अध्यक्षता वाली निलंबन समीक्षा समिति की सिफारिश के बाद यह कार्यवाही की गई है।
मनपा सेवा में काम करते समय, रिश्वतखोरी, अनुशासनात्मक कार्रवाई, या आपराधिक अपराधों में शामिल होने के लिए गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों को निलंबित कर उनकी विभागीय जांच की जाती है। इसमें दोषी पाए जाने पर समझाइश देने, वेतनवृद्धि रोकने या सेवामुक्त करने के प्रावधान सेवा नियमों में है। मनपा सेवा में काम करने वाले कई कर्मचारियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की गई है। मनपा आयुक्त श्रवण हार्डिकर की अध्यक्षता में निलंबन समिति की समीक्षा बैठक में इस तरह की निलंबन कार्रवाई किए गए सभी कर्मचारियों के केस की स्टडी की गई। बाद में उन अधिकारियों और कर्मचारियों को फिर से सेवा में शामिल करने का निर्णय लिया गया, जिन्हें प्रताड़ित और अनुशासित किया गया है।
इसमें एक बिल्डर द्वारा से 12 लाख रुपये की रिश्वत लेनेवाले लघु लेखक राजेंद्र शिर्के, बिलों को पास करने के लिए रिश्वत लेनेवाले लेखाधिकारी किशोर शिंदे, माध्यमिक शिक्षा विभाग की प्रभारी अलका कांबले और हेडमास्टर बाबासाहेब राठौड़ को भी पुनः सेवा में शामिल लिया जा रहा है। उनके साथ ही तानाजी दाते (सहायक स्वास्थ्य अधिकारी), प्रकाश रोहकले, (लिपिक), अमोल वाघेरे (लिपिक), उदय वानखेडे (सब फायर ऑफिसर), अनिल माने (फायरमन), श्रावण कांबले (क्रीडा शिक्षक), राजेश रजपुत (मजदुर), सुभाष खरात (सर्वेयर), नीलेश राठोड (मजदुर), शितल चतुर्वेदी (मीटर निरिक्षक) शैलेश जाधव (वॉर्डबॉय), सचिन घनवट (एम.पी.डबल्यू) को मनपा सेवा में शामिल करने का फैसला किया गया है।