‘हुतात्मा’ के लिए भाषा नहीं बनेगी बाधा : निर्देशक

मुंबई (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – वेब सीरीज ‘हुतात्मा’ की पृष्ठभूमि संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन पर आधारित है। मराठी भाषा में बनी इस फिल्म है, इसके बारे में निर्देशक जयप्रद देसाई का कहना है कि उन्हें इस बात की चिन्ता नहीं है कि मराठी में होने की वजह से कम संख्या में दर्शक इस तक पहुंच पाएंगे।

आईएएनएस से बातचीत के दौरान देसाई ने कहा, “मैं इस बात से निराश नहीं हूं कि भाषा इस तरह की सामग्री की वृद्धि को सीमित कर देगा, बल्कि मुझे लगता है कि यदि भाषा का चुनाव इसे अधिक विश्वसनीय और सशक्त बनाता है, तो यह भाषा की बाधाओं को पार कर जाएगा। एक निश्चित भाषा का उपयोग कर कहानी को लोगों तक पहुंचाने के बजाय मैं एक प्रामाणिक सामग्री को बनाने में अधिक ध्यान केन्द्रित करूंगा।”

इस कार्यक्रम को हिंदी में भी डब किया गया है जो 1 मई को ओटीटी प्लेटफॉर्म जी5 पर रिलीज हुई है। कार्यक्रम की कहानी ‘हुतात्मा’ किताब पर आधारित है। संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन मुंबई के साथ महाराष्ट्र के एक अलग राज्य की स्थापना के समर्थन में था। साल 1956 में यह तब अस्तित्व में आया जब प्रसिद्ध मराठी लेखक और वक्ता आचार्य पी.के.अत्रे ने मांग स्वीकार न करने के लिए केन्द्रीय सरकार की आलोचना की थी।

इसे किस तरह से बनाया गया है इस सवाल पर निर्माता ने कहा, “खर, इस पूरी सामग्री को विस्तृत तरीके से देखने का विचार था। हमने सम्पूर्ण परिस्थिति के दोनों पक्षों को दिखाया है कि क्यों मराठियो ने मुंबई को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाने के लिए लड़ाई लड़ी।”

अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा, “दूसरी ओर, केन्द्र सरकार में जो लोग सत्ता में थे, खासकर जवाहर लाल नेहरू इस विचार के खिलाफ थे। वह मुंबई को दिल्ली की तरह केन्द्र शासित प्रदेश के तौर पर रखना चाहते थे क्योंकि मुंबई हमेशा से वित्तीय राजधानी रही है और महाराष्ट्र में इसे शामिल करने से व्यवसायिक निवेशकों के लिए जोखिम भरा था। इस वजह से, सरकार के अपने कारण और दुविधा थी।” ‘हुतात्मा’ में अंजलि पाटिल, वैभव तत्वावदी, अभय महाजन, अश्विनी कलसेकर, मोहन अगाशे और सचिन खेड़ेकर जैसे कलाकार नजर आएंगे।