बेलगांव में महाराष्ट्र एकीकरण कमेटी की रैली पर लाठीचार्ज

बेलगांव : वृत्तसंस्था – सीमा से सटे इलाकों की समस्या लगभग हर राज्य का सिरदर्द बढ़ाती रही है। कर्नाटक में आज ऐसे ही एक मुद्दे को लेकर मूक आंदोलन और साइकिल रैली का आयोजन किया गया था। इस आंदोलन में बड़ी संख्या में मराठी युवक शामिल हुए थे, लेकिन पुलिस ने अचानक से लाठीचार्ज शुरू कर दिया। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले भी इस्तेमाल किये गए। महाराष्ट्र एकीकरण कमेटी द्वारा रैली का आयोजन किया गया था।

बेलगांव, बिदर व भालकी से जुड़ी समस्याओं को लेकर आज बेलगांव में ब्लैक डे घोषित किया गया था। कर्नाटक सरकार के विरोध में महाराष्ट्र एकीकरण कमेटी ने साइकिल रैली का आयोजन किया गया था। लेकिन पुलिस ने अचानक लाठीचार्ज कर दिया। बेलगांव, बिदर व भालकी के साथ ही मराठी बहुल इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करने की मांग पिछले काफी समय से चल रही है। इस मांग को और तेज़ करने के मद्देनजर मराठी युवक रैली में शामिल होने के लिए जमा हुए थे। गौरतलब है कि 1 नवंबर को कर्नाटक की स्थापना हुई थी। इस दौरान बेलगांव, बिदर, भालकी व कारवार के साथ मराठी बहुल इलाके कर्नाटक में शामिल किये गए थे।

रैली के दौरान प्रदर्शनकारी ‘आमच्या हक्काचे नाही कोणाच्या बापाचे’, ‘रहेंगे तो जेल में नही तो महाराष्ट्र में’,’ जय भवानी जय शिवाजी’ जैसे नारे लगा रहे थे। विरोध स्वरुप प्रदर्शनकारियों ने काले कपड़े पहने हुए थे, रैली शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ रही थी कि तभी पुलिस ने बिना किसी उकसावे के लाठीचार्ज कर दिया।

स्थापना दिवस के मौके पर कर्नाटक व कन्नड रक्षण वेदिके की ओर से बेलगांव में कर्नाटक राज्योत्सव मनाया जाता है। इसके विरोध में मराठी समुदाय के लोग पिछले कई सालों से मौन साइकिल रैली निकालते आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि आज की रैली में बेलगांव गोवा वेस सर्कल के आगे लाल व पीले झंडे लेकर कुछ कन्नड कार्यकर्ता शामिल हो गए, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि शांतिपूर्ण तरीके से निकाली जा रही रैली पर लाठीचार्ज अन्याय है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करने का अधिकार सबको है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।