ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट से रोक लगने पर राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है : छगन भुजबल 

मुंबई, 30 जनवरी, ओबीसी आरक्षण को कोर्ट में रोक दिया जायगा और राज्य में तनाव पैदा होने से कानून व्यवस्था की स्तिथि गंभीर होने का भय पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल ने जताया है । ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में दायर याचिका पर कोर्ट में सही तरीके से सरकार का पक्ष रखने के लिए राज्य सरकार ने राम जेठमलानी, मुकुल रोहतगी, अभिषेक मनु सिंघवी, स्पि चिनॉय या गोपाल कृष्ण सुब्रमण्यम जैसे प्रसिद्ध और सीनियर कानून विशेषज्ञों को नियुक्त करने की मांग छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की है ।

छगन भुजबल ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर अपनी मांगों का पत्र उन्हें सौंपा है । इस दौरान पूर्व सांसद समीर भुजबल भी उपस्थित थे । इस दौरान उन्होंने ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की । ओबीसी आरक्षण के संदर्भ में मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की गयी है ।

दुर्भाग्यवस कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है । ओबीसी आरक्षण लागू हुआ उस वक़्त पिछड़ा वर्ग आयोग का अस्तित्व नहीं था । लेकिन केंद्र सरकार दवारा नियुक्त मंडल आयोग ने ओबीसी को लेकर विस्तृत अध्ययन और विश्लेषण करने के बाद ओबीसी को आरक्षण दिया है । इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के 9 न्यायाधीशों को खंडपीठ ने ओबीसी आरक्षण को मंजूरी दे दी । भुजबल ने अपने पत्र में इस बात को हाई कोर्ट के समक्ष रखने की मांग की है ।