फीस के लिए 174 विद्यार्थियों को दिए लिविंग सर्टिफिकेट

वाकड के इंदिरा स्कूल की मान्यता रद्द करने की विशाल वाकडकर की मांग
पिंपरी। कोरोना के चलते पढ़ाई ठप्प रहने के बावजूद और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों को प्रमोट करने के आदेश देने के बावजूद शिक्षा संस्थानों का फीस को लेकर तकाजा रुक नहीं रहा है। ताजा मामला पिंपरी चिंचवड़ के वाकड़ का है, जहां इंदिरा नेशनल स्कूल के प्रबंधन ने फीस के लिए 174 विद्यार्थियों को लिविंग सर्टिफिकेट (एलसी) जारी कर दिए हैं। एलसी जारी करते वक्त फीस न चुकाने की वजह भी बताई गई है।
इंदिरा इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधन ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 16 के अनुसार  174 विद्यार्थियों के शैक्षिक भविष्य के लिए खतरा पैदा कर दिया है। इस स्कूल की मान्यता रद्द कर प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और सभी विद्यार्थियों को पुनः प्रवेश दिलाने की मांग पिंपरी चिंचवड शहर राष्ट्रवादी युवक कॉंग्रस के अध्यक्ष विशाल वाकडकर ने की है। इस बारे में उन्होंने पुणे विभाग के शिक्षा उपनिदेशक को पत्र भी सौंपा है।
विशाल वाकडकर ने बताया कि, इन छात्रों के स्कूल प्रबंधन ने अचानक उनकी ऑनलाइन शिक्षा रोक दी।  इससे अभिभावकों और छात्रों को जोरदार झटका लगा है। पिछले पूरे वर्ष कोरोना के चलते तालाबंदी के कारण औद्योगिक, श्रमिक, व्यवसाय, व्यापारी मंदी का सामना कर रहे हैं। इसने शहर के लाखों लोगों के रोजगार में कटौती की है। अदालत ने स्कूल प्रबंधन को ट्यूशन फीस निर्धारण संबन्धी निर्देश दिया। राज्य सरकार ने इस संबंध में अलग से आदेश भी जारी किए हैं। हालांकि, इंदिरा नेशनल स्कूल के प्रबंधन ने उच्च न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या बताकर छात्रों के शैक्षिक भविष्य को खतरे में डाल दिया है।  इसलिए, स्कूल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए और इसकी मान्यता रद्द की जानी चाहिए