लोकसभा चुनाव : केरल में कुछ नए कद्दावर चेहरों का हो सकता है पदार्पण

तिरुवनंतपुरम, 25 जनवरी (आईएएनएस)- आगामी लोकसभा चुनाव के लिए केरल चुनावी-जंग का बड़ा मैदान बनने जा रहा है क्योंकि विभिन्न राजनीतिक दल यहां अखाड़े में कद्दावर चेहरों को उतारने की तैयारी में जुटे हैं।

स्थानीय दलों में इस बात को लेकर कानाफूसी चल रही है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के शशि थरूर के खिलाफ रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण को चुनावी मैदान में उतारने जा रही है।

कांग्रेस पालघाट से एक राजनयिक को उतारने पर विचार कर रही है, जो इस समय राजदूत हैं और राजनीति में आना चाहते हैं।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पूर्व महासचिव प्रकाश करात को उम्मीदवार बनाना चाहती है, जबकि उनको इसमें दिलचस्पी नहीं है। उनकी पत्नी वृंदा करात इस बार केरल से लोकसभा चुनाव का उम्मीदवार बन सकती है।

केरल से सिर्फ 20 लोकसभा सदस्य चुने जाते हैं, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर भले ही इसका महत्व कम हो, लेकिन देश में वामपंथ का एकमात्र गढ़ रह जाने से राजनीतिक बयानों के लिए इसका काफी महत्व है। खास बात यह है कि भाजपा इस प्रदेश में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में जुटी है।

बताया जाता है कि भाजपा के राज्यसभा सदस्य राजीव चंद्रशेखर भी तिरुवनंतपुरम से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।

सूत्रों के अनुसार, बदले राजनीतिक बयार में लगता है कि थरूर को भी उदारवादी और नेहरूवादी भारत के इतिहासकार से हटकर सबरीमाला मसले पर परंपरागत रुख अख्तियार करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति देने के आदेश के विरुद्ध रिवाजों और आस्थाओं की रक्षा करने की आवश्यकता बताई है।

केरल में 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) को आठ सीटें मिली थीं। भाजपा और उसके सहयोगी खाली हाथ रहे थे।