पुणे | समाचार ऑनलाइन
निर्वाचन आयोग शनिवार को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम में होने वाले चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। इसके लिए चुनाव आयोग ने दोपहर तीन बजे प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है, जिसमें तारीखों की घोषणा की जा सकती है। इस घोषणा के साथ ही इन राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू कर दी जाएगी। चुनाव के दौरान आपने आदर्श आचार संहिता या चुनाव आचार संहिता शब्द कई बार सुने होंगे। क्या आप इसका मतलब जानते हैं? आइए जानते हैं क्या होती है आदर्श आचार संहिता?
[amazon_link asins=’B078124279′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’463b3680-c937-11e8-829e-519d27314730′]
आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग चुनाव के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने और चुनावों को शांति से संपन्न कराने के उद्देश्य से आचार संहिता लागू करता है। चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उम्मीदवार को इन निर्देशों का पालन करना होता है। अगर कोई नेता या पार्टी इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो चुनाव आयोग को उसके खिलाफ कार्रवाई करने के अधिकार होते है। इतना ही नहीं उस उम्मीदवार का टिकट रद्द किया जा सकता है और उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा सकता है।
कब होती है घोषणा
अगर किसी राज्य में चुनाव होने वाले हैं, तो चुनाव आयोग राज्य में चुनावों की तारीखों की घोषणा के साथ-साथ आचार संहिता भी लागू कर देता है। इसके लागू होते ही राज्य सरकार और प्रशासन पर कई बंदिश लग जाती हैं। यानि चुनाव खत्म होने तक राज्य के सरकारी कर्मचारी चुनाव आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं और उसके दिशा-निर्देशों पर काम करने लगते हैं।
[amazon_link asins=’B00MIFIKO8,B00BSE5WQ4′ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’f88ffb9e-c937-11e8-ac26-17ae1e652a95′]
आचार संहिता लागू होने पर क्या होता है?
एक बार चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद प्रदेश का मुख्यमंत्री और उसके मंत्री किसी तरह की कोई घोषणा, उदघाटन या शिलान्यास नहीं कर सकते हैं। अगर वो ऐसा करते हैं, तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। इसका मतलब यह है कि वो कोई भी ऐसा काम नहीं कर सकते हैं, जिससे किसी विशेष दल को लाभ पहुंचे। इतना ही नहीं चुनाव आयोग उनके हर कामकाज पर कड़ी नजर रखता है। इसके अलावा उम्मीदवार और पार्टी को रैली निकालने और बैठक के लिए चुनाव आयोग से आर्डर लेना होता है और इसकी जानकारी पुलिस को देनी होती है।
आदर्श आचार संहिता के कुछ नियम
आचार संहिता लागू होने के बाद प्रदेश में किसी नई योजना की घोषणा नहीं हो सकती। हालांकि कुछ मामलों में चुनाव आयोग से अनुमति लेने के बाद ऐसा हो सकता है।
चुनाव के दौरान प्रचार के लिए किसी भी दल को लाउडस्पीकर के इस्तेमाल के नियमों का भी पालन करना जरूरी होता है।
[amazon_link asins=’B07DJHV6S7,B07DJL15QT’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’a14926ed-c937-11e8-8bd9-bd45745afd01′]
कोई भी दल या उम्मीदार ऐसे भाषण या काम नहीं करेगा जिससे किसी विशेष समुदाय के बीच तनाव पैदा हो।
मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक।
[amazon_link asins=’B07DJHV6S7,B0784D7NFX’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’74d5737b-c937-11e8-bc82-17d435a4d16c’]
सत्ताधारी दल के लिए नियम