महाबोधि वृक्ष पूरी तरह स्वस्थ, बेतरतीब टहनियों की छंटाई की गई

गया (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – बौद्घ धर्मावलम्बियों के आस्था का केंद्र और बिहार के विश्वप्रसिद्घ पर्यटन स्थल बोधगया का महाबोधि वृक्ष पूरी तरह स्वस्थ है। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अच्छी और ज्यादा पत्तियां निकली हैं। देहरादून के राष्ट्रीय वन अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों डॉ. अमित पाडेय और डॉ़ संतन वर्थवाल ने बोधिवृक्ष का निरीक्षण किया और महाबोधि मंदिर प्रबंधन समिति को कई निर्देश दिए।

डॉ़ अमित ने आईएएनएस को बताया, “पेड़ की जड़ के आसपास के मिट्टी वाले हिस्से को फूल-पत्ती लगाकर हरा-भरा रखने की सलाह मंदिर प्रबंधन समिति को दी गई है। इससे पेड़ की जड़ें बहुत अंदर तक चली जाती हैं। जमीन के ऊपर की मिट्टी सख्त होने के कारण हवा जड़ तक नहीं पहुंच पाती है, खुदाई होने से हवा अंदर तक जड़ तक जाएगी।”

उन्होंने कहा कि जड़ के आसपास खाली पड़े स्थानों की मिट्टी की खुदाई जरूरी है। उन्होंने कहा कि बोधिवृक्ष की पत्तियों व शाखाओं पर दवाओं का छिड़काव किया गया है, और वोधिवृक्ष पूरी तरह स्वस्थ है। वैज्ञानिकों ने बताया कि मंगलवार को कई सूखी और बेतरतीब ढंग से नीचे की ओर बढ़ रही टहनियों की छंटाई की गई थी। मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव एऩ दोरजे ने बताया कि काटी गई सूखी टहनियों पर रासायनिक लेप लगा दिया गया है। काटी गई टहनी को भी सुरक्षित रखा गया है।

मान्यता है कि भगवान बुद्घ को इसी महाबोधि वृक्ष के नीचे आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और वह राजकुमार सिद्धार्थ से महात्मा बुद्घ बन गए थे। महाबोधि मंदिर और महाबोधि वृक्ष को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों बौद्घ श्रद्घालु और पर्यटक यहां आते हैं। महाबोधि वृक्ष को निरोग तथा इसकी पूरी देखभाल का जिम्मा देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान को दे दिया गया है। समय-समय पर संस्थान के वैज्ञानिक यहां आकर महाबोधि वृक्ष का निरीक्षण करते हैं और स्वस्थ रहने के उपाय करते हैं।