महालक्ष्मी मंदिर परिसर विकास के लिए : सुभाष देसाई

मुंबई : समाचार ऑनलाईन – महालक्ष्मी मंदिर परिसर के विकास के लिए मंदिर ट्रस्ट और म्हाडा संयुक्त रूप से विस्तृत प्रकल्प रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करें. खतरनाक बिल्डिगों का पुनर्विकास, नागरिकों के लिए सभी सुविधाएं और परिसर के लिए पूजा साहित्य विक्रेताओं का इसमें विचार किया जाए, यह सूचना उद्योगमंत्री और मुंबई शहर जिले के पालकमंत्री सुभाष देसाई ने सोमवार को यहा पर की. देसाई ने महालक्ष्मी मंदिर और परिसर को भेंट देकर परिसर का निरीक्षण किया.

मंदिर परिसर में झोपड़पट्टी का विकास भी जरूरी मंदिर परिसर की पुरानी बिल्डिगों का विकास जरीवाला मैन्शन के मद्देनजर अतिरिक्त एफएसआई देकर किया जा सकता है, इसका जिक्र करते हुए,   देसाई ने कहा कि पुरानी बिल्डिगों के बारे में मंदिर समिति और स्थानिकों के अधिकार को ठेस नहीं पहुंचेगी, इसका सरकार की ओर से ध्यान रखा जाएगा. सुनियोजित विकास के लिए मंदिर के परिसर में झोपड़पट्टी का पुनर्विकास भी जरूरी है.उन्होंने कहा कि मंदिर के पीछे समुद्र के बगल में गेट वे ऑफ इंडिया परिसर की तरह विकास किया जा सकता है. इस कारण नागरिकों के दर्शन के लिए आने-जाने के लिए आवश्यक वह जगह उपलब्ध होने के साथ-साथ मंदिर को चारों दिशा में रास्ते से जोड़ना संभव होगा.

इस स्थिति में मंदिर के सामने पूजासाहित्य विक्रेताओं के व्यवसाय पर प्रभाव नहीं होगा, इस पर भी ध्यान दिया जाए. श्री. देसाई ने कहा कि मंदिर के पीछे का परिसर ने कोस्टल रोड से जोड़ा जा सकता है क्या, इस पर्याय का भी विचार किया जाए.इस दौरान श्री. देसाई ने श्री. महालक्ष्मी देवी का दर्शन लिया. मंदिर समिति की ओर से श्री. देसाई का स्वागत किया गया. वास्तुविशारद श्रीमती लांभा ने मंदिर परिसर विकास के बारे में बनाए गए प्रारूप की जानकारी दी. इस दौरान जिलाधिकारी शिवाजी जोंधले, नगरसेविका सरिता पाटिल, म्हाडा की झोपडपट्टी पुनर्वसन विभाग के मुख्याधिकारी शहाजी पवार, बृहन्मुंबई महानगरपालिका के सहायक आयुक्त विश्वास मोटे, मंदिर समिति के विश्वस्त विजय गोखले, विजय गूपचूप, वास्तुविशारद आभा लांबा आदि उपस्थित थे