Maharashtra | पूर्व शिवसैनिक का झटका ; 7 नगरसेवकों को तोड़ा ; 12 लोगों को  कांग्रेस में जाने से रोकने में सेना को लोहे के  चने चबाने पड़े 

चंद्रपुर, 16 सितंबर : Maharashtra | राज्य में महाविकास आघाडी सरकार होते हुए भी स्थानीय स्तर पर अलग तरह  की राजनीति हो रही है।  तीनों दल एक साथ काम कर रहे है।  यह दावा तीनों दलों के बड़े नेता करते है लेकिन स्थानीय स्तर (Maharashtra) पर पार्टियों में खींचतान जारी है।  चंद्रपुर इसका ताज़ा उदहारण है।  शिवसेना (shivsena) के 7 नगरसेवक कांग्रेस ने तोड़ दिया है।  वरोरा नगर परिषद् के 7 नगरसेवक ने शिवबंधन निकालकर कांग्रेस का झंडा थाम लिया है।

राज्य में कांग्रेस के एकमात्र सांसद बालू धानोरकर ने चंद्रपुर में सेना को झटका दिया है।  खास बात यह है कि धानोरकर पहले शिवसेना में थे।  पिछले लोकसभा चुनाव से ऐन पहले वह कांग्रेस में आ गए और सांसद बन गए।  इसके बाद उनकी पत्नी वरोरा विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर जीत हासिल की।  वरोरा और भद्रावती में धानोरकर का वर्चस्व है।  इस वजह से भद्रावती में शिवसेना की सत्ता खतरे में आ गई है।
वरोरा नगर परिषद् के शिवसेना के 7 नगरसेवक को धानोरकर ने तोड़ दिया है।  इसके अलावा भद्रावती नगर परिषद् के शिवसेना के 12 नागसेवक का भी पार्टी में प्रवेश आज संपन्न होने वाला था।  लेकिन शिवसेना के संपर्क प्रमुख प्रशांत कदम भद्रावती में ताल ठोककर बैठे है।  नगरसेवकों का पार्टी में प्रवेश रोकने के लिए उन्होंने करीब 48 घंटे कमा किया।  आख़िरकार वह पार्टी में प्रवेश को रोकने में कामयाब हो गए।
भद्रावती नगर परिषद् बनने के बाद से शिवसेना की सत्ता
भद्रावती नगर परिषद् की स्थापना 15 अगस्त 1998 में हुई थी।  तब से आज तक 23 वर्षों से यहाँ शिवसेना की सत्ता है।  इसमें धानोरकर का बड़ा योगदान था।  इसलिए धानोरकर के कांग्रेस में चले जाने से शिवसेना को नुकसान होने की बात कही जा रही थी।

 

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