मुंबई, 26 जून : नकली वेक्सीनेशन रैकेट का फर्दाफाश होने के बाद इस मामले में अब तक 7 केस दर्ज हुआ है। जांच के लिए एसआईटी गठित किये जाने की जानकारी जॉइंट पुलिस कमिश्नर विश्वास नांगरे-पाटिल ने दी है। इसकी प्राथमिक जांच में सामने आई जानकारी में वेक्सीनेशन के नाम पर ग्लूकोज का पानी इस्तेमाल करने की आशंका व्यक्त की जा रही है। इसकी पुलिस जांच कर रही है। इसमें नर्सिंग के विधार्थियों को प्रैक्टिकल अंक के नाम पर ट्रेनिंग देकर उनका इसमें इस्तेमाल किया गया।
कांदिवली के हीरानंदानी हेरिटेज में वेक्सीनेशन घोटाला सामने आने के बाद कांदिवली पुलिस ने केस दर्ज कर अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 12 लाख 40 हज़ार रुपए जब्त किये गए है। साथ ही सभी आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। इसके साथ ही ठगी और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कानून के तहत केस दर्ज किया गया है। नकली दवा के संदर्भ में केस और आपदा प्रबंधन कानून की धाराएं इसमें शामिल है। अब तक इस मामले में पटारिया डॉक्टर दंपति के साथ कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इसी तरह से ठगी के मामले में मुंबई, कांदिवली सहित बोरिवली, वर्सोवा, खार, भोईवाड़ा, बांगुरनगर पुलिस स्टेशन के 7 केस दर्ज किया गया है। समतानगर और अंधेरी से भी ऐसे ही मामले सामने आये है। वहां केस दर्ज करने का काम जारी है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की है। 114 फ़र्ज़ी सर्टिफिकेट जब्त किया गया है।
इस गिरोह दवारा 1 हज़ार 343 लोगों को नकली वैक्सीन दी गई। गिरफ्तार आरोपियों में महेंद्र प्रताप सिंह (39 ), संजय गुप्ता (29 ), चन्दन सिंह (32 ), नितिन मोंडे (32 ), मोहम्मद करीम अकबर अली (19 ), गुड़िया यादव (24 ), शिवराज पटारिया (61 ), नीता शिवराज पटारिया (60 ), श्रीकांत माने (39 ) और सीमा आहूजा (42 ) का नाम शामिल है।
महेंद्र 9 फ़र्ज़ी वेक्सीनेशन शिविर का प्रमुख है। संजय इस अपराध में सह आरोपी है। राजेश कोकिलाबेन हॉस्पिटल में सेल्स अधिकारी था। चन्दन रामसागर डेटा सेंटर का कर्मचारी है। उसे मैनेज कर यह काम शुरू किया गया था। गुड़िया यादव और डॉ. पटारिया की इसमें सहभागिता निश्चित की गई।
ऐसे की गई ठगी
किसी कंपनी या सोसायटी में वेक्सीनेशन करना है। इसकी जानकारी जुटाकर शिविर आयोजित कर इस गिरोह ने नकली वेक्सीनेशन की। वैक्सीन की सप्लाई शिवम् हॉस्पिटल, चारकोप, कांदिवली से किया जाता था। इसके मालिक डॉ. शिवराज कटारीया , उसकी पत्नी डॉ, नीता कटारिया है। शेष बचे वैक्सीन की जानकारी उसने मनपा को नहीं दी। इस मामले में पटारिया दंपति को गिरफ्तार किया गया है। इसमें मुख्य आरोपी महेंद्र सिंह है. उसने यह प्लान सबके सामने रखी थी।