Maharashtra | ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल में राणे अब कुछ दिन के ही मेहमान, इस पर फडणवीस को कोई संदेह नहीं होना चाहिए’

मुंबई (Mumbai News) : Maharashtra | ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ही अपने मंत्रिमंडल (Cabinet) में सब कुछ हैं। मंत्री आते हैं और चले जाते हैं। अगर मोदी खुद को फकीर मानते हैं और राणे (Narayan Rane) और महान इसके बीच का अंतर समझते हैं, तो राणे कुछ ही दिन के मेहमान हैं, इस संबंध में फडणवीस (Fadnavis) के मन में कोई संदेह नहीं होनी चाहिए’ (Maharashtra) ऐसा शिवसेना (Shiv sena) ने कहा।

 

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) के बारे में नारायण राणे (Narayan Rane) के बयान का जहां कड़ा असर हुआ है, वहीं माफी के कोई संकेत नहीं हैं। जहाँ भाजपा (BJP) और शिवसेना (Shiv sena) नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है वहीं आज सामना के संपादकीय के माध्यम से भाजपा व राणे पर जोरदार टिप्पणी की गई है।

 

‘राज्य में थोड़ा इधर-उधर हुआ कि, विपक्ष की इंद्रियां जाग जाती है और राज्य में कानून पर सवाल उठाए जाने लगते हैं। इसके बाद अब महाराष्ट्र (Maharashtra) में विरोधियों की ओर से यह सवाल नहीं पूछे जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के ‘पर’ आत्मा नारायण राणे पर कानूनी कार्रवाई ही हुई व इंसान नॉर्मल हो या राणे जैसा ‘एबनॉर्मल’ कानून सबके लिए एक ही है, यह राज्य की पुलिस ने दिखा दिया है’ ऐसी टिप्पणी शिवसेना ने की है।

 

राणे ने मुख्यमंत्री को मारने के बयान से हम सहमत नहीं हैं, लेकिन राणे के खिलाफ कार्रवाई उचित नहीं है’, यह बयान फडणवीस जैसे लोग देते हैं वो किस आधार पर देते हैं ? अबला पर किसी ने अत्याचार किया, लेकिन उसके मन में ऐसी विकृत भावना नहीं थी इसलिए, आरोपी को बरी कर दो और उसे और अपराध करने के लिए स्वतंत्र कर दो, यह इस तरह का तर्क है। कुछ समय कानून की प्रैक्टिस करनेवाले फडणवीस से इसकी उम्मीद नहीं है, ‘ ऐसा शिवसेना ने कहा।

 

भाजपा में जो बीमारी हो गई है, वह राज्य के स्वच्छ वातावरण के लिए खतरनाक है। यह राज्य में पर्यावरण कार्यकर्ताओं के लिए एक चुनौती है। राणे अगर खुद को महान समझना बंद कर दें तो उनके जीवन की कई समस्याएं बिना दवाई के ठीक हो जाएंगी और भाजपा भी संक्रमित होने से बचेगी, ‘ शिवसेना (Shiv sena) ने ऐसी तीखी टिप्पणी की है।

 

‘कई राजनेताओं का यह धंधा बन गया है कि वे घर और दरवाजे पर खूब भांग की खेती करते हैं और उसी भांग का सेवन कर किसी पर भी बयान देते हैं। भांग की खेती को कानूनन बंद कर देना चाहिए और उसकी शुरुआत करने के लिए महाराष्ट्र की जनता ठाकरे सरकार (Thackeray Government) को धन्यवाद दे रही है। अगर फडणवीस और उनकी पार्टी ने भांग की खेती करने का फैसला किया है तो उनका नशा जल्द से जल्द उतर जाएगा।

 

संपादकीय के मुख्य बिंदु

 

उनके लोग कह रहे हैं कि राणे को खाने की थाली से उठाकर गिरफ्तार कर लिया गया। अगर कानूनी रूप से पुलिस (Police) का सहयोग किया होता तो यह समय नहीं आता। राणे को भोजन से उठाना बुरा है; लेकिन सिंधुदुर्ग (Sindhudurg) में श्रीधर नाईक, रमेश गोवेकर, सत्य विजय भिसे और अंकुश राणे को उनके भोजन से और दुनिया से किसने उठाया, इसे नए सिरे से ‘ठाकरे’ सरकार को जांच करनी चाहिए।

 

कानून के शासन को तोड़ने की कोशिश करना भांग पीकर गिरने जैसा आसान नहीं है। यह महाराष्ट्र है, ऊपर से हमारी सरकार है! केंद्र से क्या संघर्ष करेगा महाराष्ट्र ?’ ऐसी महाराष्ट्र विरोधी भाषा का प्रयोग राणे नाम के एक केंद्रीय मंत्री द्वारा किया जाता है। ऐसा कभी नहीं हुआ है। राणे ‘नॉर्मल’ आदमी नहीं हैं, इसलिए उन्होंने महाराष्ट्र (Maharashtra) को कम करके आंका। बीजेपी को अब भी समझदार होना चाहिए।

 

 

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