महाराष्ट्र : ‘स्कूल फीस’ को लेकर राज्य सरकार का बड़ा फैसला, अभिभावकों को मिलेगी राहत

मुंबई : ऑनलाइन टीम – स्कूल फीस मामले को निपटाने और हाईकोर्ट में सरकार का पक्ष पेश करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। कानूनी मुद्दों पर गौर करने और स्कूल फीस कम करने के बारे में सरकार को एक रिपोर्ट सौंपने के लिए सरकार के स्तर पर शिक्षा विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि यह देखना बाकी है कि अंतिम फैसला क्या होगा।

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान कुछ संस्थानों के साथ-साथ स्कूलों ने भी अभिभावकों से ट्यूशन फीस देने पर सख्ती अपनायी थी। इस संबंध में कई शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने सभी प्रबंधन स्कूलों को एक परिपत्र जारी किया था कि वे छात्रों को वर्तमान और अगले वर्ष की ट्यूशन फीस का भुगतान करने के लिए मजबूर न करें। हालांकि कुछ निजी संगठनों ने सरकार के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

सभी माध्यमों, बोर्ड और प्री-प्राइमरी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए शेष शुल्क एक बार के बजाय चरणों में या तीन महीने में लिया जाना चाहिए। शैक्षणिक वर्ष 2020-21 में कोई शुल्क वृद्धि नहीं होगी। सरकार ने यह भी आदेश दिया था कि ऑनलाइन फीस देने का विकल्प दिया जाए। संगठनों ने इसके खिलाफ याचिका दायर करने के बाद मुंबई उच्च न्यायालय ने उन्हें हलफनामा या हलफनामा दायर करने का अवसर दिए बिना सरकार के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी।

सरकार ने तब इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। इसके बाद सरकार ने हलफनामा भी दायर किया था। इस मामले की सुनवाई अब तक 23 बार हाईकोर्ट में हो चुकी है और फिलहाल यह अंतिम चरण में है।